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Varalakshmi Puja Vidhi : वरलक्ष्मी की पूजा विधि और सामग्री, जानें-किस दिन है यह महत्वपूर्ण व्रत

Varalakshmi Puja Vidhi वरलक्ष्मी की पूजा को बहुत लाभकारी माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से अष्ट लक्ष्मी की पूजा के समान पुण्य मिलती है। इसीलिए इस दिन लक्ष्मी पूजा पूरे विधि-विधान से मनाया जाता है।

By Ritesh SirajEdited By: Updated: Fri, 13 Aug 2021 04:39 PM (IST)
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जानिये वरलक्ष्मी की पूजा विधि और सामग्री, आर्थिक समस्या से मिलेगा छुटकारा
Varalakshmi Puja Vidhi : पंचांग के अनुसार सावन मास चल रहा है। इस मास में हिंदू धर्म के कई सारें पर्व मनाएं जाते हैं। सावन मास के अंतिम शुक्रवार को वरलक्ष्मी का व्रत रखा जाता है। इस बार वरलक्ष्मी की पूजा 20 अगस्त दिन शुक्रवार के दिन किया जाएगा। वैसे भी प्रत्येक शुक्रवार को माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। हालांकि वरलक्ष्मी की पूजा को बहुत लाभकारी माना जाता है। इस दिन व्रत रखने से अष्ट लक्ष्मी की पूजा के समान पुण्य मिलती है। इसीलिए इस दिन लक्ष्मी पूजा पूरे विधि-विधान से मनाया जाता है। इससे परिवार में सुख, शांति, वैभव और खुशहाली का आगमन होता है। आइये जानते वर लक्ष्मी की पूजा विधि और सामग्री

वरलक्ष्मी पूजा विधि

वरलक्ष्मी व्रत रखने वाली महिलाओं और पुरुषों को इस दिन प्रातः काल स्नान कर लेना चाहिए। सबसे पहले पूजा वाले स्थान पर गंगाजल छिड़ककर पवित्र करने के बाद व्रत रखने का संकल्प करें। मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति को लाल कपड़े के ऊपर स्थापित कर लें। इसके बाद अक्षत के ऊपर कलश में जल भरकर रख लें। कलश को चारों तरफ से चंदन लगा लें। इसके बात दोनों लोगों को पूजा का समान अर्पित करें। पूजा के बाद व्रर लक्ष्मी व्रत की कथा का पाठ करें। आरती करके सभी भक्तजनों के बीच प्रसाद बंटवाये।   

वरलक्ष्मी पूजा सामग्री

वरलक्ष्मी की पूजा सामग्री में वही सब सामान लगते हैं जो दिपावली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा में लगते हैं। आइये जानते हैं पूजा में लगने वाले सामग्री नारियल, चंदन, हल्दी, कुमकुम, कलश, लाल वस्त्र, अक्षत, फल, फूल, दूर्वा, दीप, धूपस माला, हल्दी, मौला, दर्पण, कंघा, आम के पत्ते, पान के पत्ते, दही, केले, पंचामृत, कपूर दूध और जल आदि से मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'