Move to Jagran APP

Laxmi Puja: शुक्रवार को इस तरह करें मां लक्ष्मी की पूजा, बनी रहती है मां की कृपा

Laxmi Puja लक्ष्मी जी हिन्दू धर्म की श्रीदेवियों में से एक और प्रमुख देवी हैं। वह भगवान विष्णु की पत्नी हैं। लक्ष्मी जी धन सम्पदा शान्ति और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। दिवाली पर इनका पूजन किया जाता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 02 Oct 2020 07:13 AM (IST)
Hero Image
Laxmi Puja: शुक्रवार को इस तरह करें मां लक्ष्मी की पूजा, बनी रहती है मां की कृपा

Laxmi Puja: लक्ष्मी जी हिन्दू धर्म की श्रीदेवियों में से एक और प्रमुख देवी हैं। वह भगवान विष्णु की पत्नी हैं। लक्ष्मी जी धन, सम्पदा, शान्ति और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं। दिवाली पर इनका पूजन किया जाता है। इनकी पूजा करने से व्यक्ति को दरिद्र, दुर्बल, कृपण, असंतुष्ट एवं पिछड़ेपन से मुक्ति मिल जाती है। मान्यता है कि गायत्री की एक किरण लक्ष्मी भी है। जो व्यक्ति इसे प्राप्त कर लेता है उसका जीवन सदा सुसम्पन्नों जैसी प्रसन्नताओं से भर जाता है। आज शुक्रवार है। आज के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि शुक्रवार को अगर पूरे विधि-विधान के साथ मां लक्ष्मी की पूजा की जाए तो व्यक्ति पर धन की वर्षा होती है। अत: हम आपको शुक्रवार को लक्ष्मी जी की पूजा कैसे की जाए इसकी जानकारी दे रहे हैं।

शुक्रवार शाम इस तरह करें मां लक्ष्मी पूजन:

1. सूर्योदय से पहले उठ जाएं और स्नानादि से निवृत्त हो जाएं।

2. पूजा करते समय पूर्व दिशा की ओर मुख कर ही पूजा करें।

3. एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। इस पर मां की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।

4. अगर आपका बहुत अधिक खर्चा हो रहा है और पैसा रुक नहीं रहा है तो मां लक्ष्मी की तस्वीर मंदिर में ऐसी होनी चाहिए जिनके हाथों से धन गिर रहा हो।

5. चौकी के सामने चावल का ढेर रखें। इस पर शुद्ध जल भरा तांबे का पात्र रखें।

6. मां लक्ष्मी की फोटो के सामने घी का दिया जलाएं।

7. मां लक्ष्मी को सफेद पुष्प और सफेद चंदन अर्पित करें।

8. मां लक्ष्मी को इत्र चढ़ाएं। इस इत्र का इस्तेमाल आप रोजाना कर सकते हैं।

9. मां लक्ष्मी की आरती गाएं और मंत्रों का उच्चारण करें। इससे व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और मां की कृपा हमेशा बनी रहती है।

10. अगर आपका बहुत ज्यादा खर्चा हो रहा है तो मां लक्ष्मी के चरणों में हर दिन एक रुपये का सिक्का अर्पित करें। महीने के अंत में यह सिक्के किसी सौभाग्य की धनी स्त्री को दे दें।