जानें शनि जयंती पर शनिदेव की पूजा की विधि
25 मई को पड़ रही ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाएगी। ऐसे में आइए कल पड़ रही इस शनि जयंती पर जानें कैसे करें शनिदेव की पूजा अर्चना...
By shweta.mishraEdited By: Updated: Wed, 24 May 2017 04:47 PM (IST)
व्रत से शनिदेव प्रसन्न होते:
उत्तर भारतीय पूर्णिमांत पंचांग के अनुसार कल 25 मई को शनि जयंती मनाई जाएगी। शास्त्रों के मुताबिक शनिदेव सूर्य देव और देवी छाया के पुत्र हैं। इनका जन्म ज्येष्ठ मास की अमावस्या को होने से इस दिन शनि जयंती मनाई जाती है। अमावस्या गुरुवार को सुबह 05 बजकर 07 मिनट से शुरू होगी जो 26 मई शुक्रवार को रात 01 बजकर 14 मिनट तक रहेगी। शनि जयंती को शनैश्चरी अमावस्या भी पुकारा जाता है। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना, हवन, उपवास से शनिदेव जल्दी प्रसन्न होते हैं। शनि का प्रभाव भी खत्म होता:
नव ग्रहों में सातवें ग्रह माने जाने वाले शनिदेव से लोग सबसे ज्यादा डरते जरूर हैं लेकिन वह किसी का बुरा नहीं करते हैं। वह लोगों के कर्मों के हिसाब से उनके साथ न्याय करते हैं। शायद इसलिए उन्हें न्यायाधीश के रूप में भी पहचाना जाता है। शनिवार को शनिदेव की पूजा करने से व्यक्ति पर से साढ़ेसाती और ढैया समाप्त हो जाती है। इसके अलावा कुंडली में मौजूद कमजोर शनि का प्रभाव भी खत्म हो जाता है। वहीं कल शनि जयंती पर भी शनिदेव की पूजा विधिविधान से पूजा करने से विशेष लाभ मिलेगा। ऐसे करें शनि देव की पूजा:
शनि जयंती पर प्रात:काल उठकर स्नानादि कर शुद्ध हों। इसके बाद लकड़ी के पाटे पर एक काला कपड़ा बिछाकर उस पर शनिदेव की प्रतिमा रखें। इसके बाद उनके पाटे के सामने के दोनों कोनों में घी का दीपक जलाएं व सुपारी चढ़ाएं। फिर शनिदेव को पंचगव्य, पंचामृत, इत्र से स्नान कराएं। उन पर काले या फिर नीले रंग के फूल चढाएं। इसके बाद उनके गुलाल, सिंदूर, कुमकुम व काजल लगाए। पूजा में तेल में तली वस्तुओं का नैवेद्य समर्पित करें। इस दौरान शनि मंत्र का कम से कम एक माला जप करें। विशेष लाभ के लिए करें उपाय: शनि जयंती पर कुछ खास उपाय भी किए जा सकते हैं। जैसे कल सूर्योदय से पहले शरीर पर तेल मालिश करने के बाद स्नान करें। इस खास दिन पर ब्रह्मचर्य का पालन करने से लाभ होता है। इस दिन कहीं यात्रा पर नहीं जाना चाहिए। गाय और कुत्तों को तेल में बनी चीजें खिलाने से विशेष लाभ होता है। इस दिन शनि मंदिर में शनिदेव के साथ ही हनुमान जी के दर्शन करना शुभ होता है। इस दिन शनिदेव की आंखों में नहीं देखना चाहिए। वहीं कोशिश करें कि शनि जयंती पर सूर्य देव की पूजा न करें।