Sawan Shivratri 2023: जानें, सावन शिवरात्रि पर क्या करें और किन चीजों से करें परहेज?
Sawan Shivratri 2023 महाशिवरात्रि तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे। अतः शिवरात्रि तिथि का विशेष महत्व है। कालांतर में माता पार्वती ने भगवान शिव की कठिन तपस्या की थी। कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता पार्वती को अर्धांगिनी रूप में स्वीकार्य किया था। अतः अविवाहित जातक शीघ्र विवाह हेतु शिवरात्रि पर शिवजी की पूजा-अर्चना करते हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sat, 15 Jul 2023 10:29 AM (IST)
नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Sawan Shivratri 2023: हिन्दू पंचांग के अनुसार, आज सावन शिवरात्रि है। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। धर्म शास्त्रों में निहित है कि महाशिवरात्रि तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे। अतः शिवरात्रि तिथि का विशेष महत्व है। कालांतर में माता पार्वती ने भगवान शिव की कठिन तपस्या की थी। कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता पार्वती को अर्धांगिनी रूप में स्वीकार्य किया था। अतः अविवाहित जातक शीघ्र विवाह हेतु शिवरात्रि पर भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। वहीं, विवाहित स्त्रियां सुख, संतान और सौभाग्य की प्राप्ति हेतु शिवरात्रि का व्रत करती हैं। शिवरात्रि करने के कई कठोर नियम हैं। इन नियमों का पालन करने से व्रत पूर्ण होता है। अगर आप भी इच्छित वर की प्राप्ति हेतु सावन शिवरात्रि का व्रत कर रहे हैं, तो व्रत नियम जरूर जान लें। आइए जानते हैं-
सावन शिवरात्रि के दिन क्या करें
- सावन शिवरात्रि के दिन स्नान-ध्यान कर सर्वप्रथम गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें। तत्पश्चात, कच्चे दूध से अभिषेक करें। अंत में सामान्य जल में बेलपत्र और सुगंध मिलाकर अर्घ्य दें। आप चाहे तो पीतल के पात्र में दूध, दही, शहद, गंगाजल और पानी मिश्रित पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करें।- महिलाएं पूजा के समय माता पार्वती को पूजा के समय श्रृंगार का सामान, हरी चूड़ियां और सिंदूर अर्पित करें। सिंदूर अर्पित कर माथे पर जरूर लगाएं। अविवाहित लड़कियां इस समय 'राम रक्षा स्त्रोत' का पाठ करें।
- सावन शिवरात्रि पर सात्विक विचार मन में रखें। अतः मन ही मन शिव सुमिरन करें।- भगवान शिव का आशीर्वाद पाने के लिए शिवलिंग पर भांग, धतूरा, बेलपत्र आदि चीजें अर्पित करें। इस समय शिव चालीसा का पाठ और आरती करें।
- सावन शिवरात्रि पर ब्रह्मचर्य नियमों का पालन अवश्य करें।