Nag Panchami 2021: नाग पंचमी के दिन करें इन 8 नागों की पूजा, कालसर्प दोष से मिलेगा छुटकारा
Nag Panchami 2021 आज नाग पंचमी है जो सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ता है। आज के दिन विधि-विधान से नागों की पूजा की जाती है। नाग पंचमी के दिन अनन्त तक्षक वासुकि महापद्म पद्म कुलीक कर्कट और शंख नाग की पूजने का विधान है।
By Ritesh SirajEdited By: Updated: Fri, 13 Aug 2021 01:39 PM (IST)
Nag Panchami 2021: सावन मास में हिंदू धर्म के कई सारे पर्व मनाएं जाते हैं। इन्हीं में से एक पर्व नाग पंचमी है। इस दिन नागों की पूजा का विधान है। भगवान शिव को नाग बहुत पसंद हैं, इसीलिए उनके गले को वासुकि नाग सुशोभित करते हैं। नाग वंश की शुरुआत ऋषि कश्यप और माता कद्रू से हुई है। आज नाग पंचमी है, जो सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ता है। आज के दिन विधि-विधान से नागों की पूजा की जाती है। नाग पंचमी के दिन अनन्त, तक्षक, वासुकि, महापद्म, पद्म, कुलीक, कर्कट और शंख नाग की पूजने का विधान है। आइये जानते हैं इन सभी नागों के संक्षिप्त परिचय।
1. वासुकि नाग: भगवान शिव के अनन्य भक्त हैं। वे भगवान शिव के गले की शोभा बढ़ाते हैं। मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय मेरू पर्वत में लिपटकर रस्सी का काम किया था।2. पद्म नाग: मान्यता है कि पदम नागों का गोमती नदी के पास के नेमिश क्षेत्र पर शासन हुआ करता था। जो बाद में मणिपुर में बस गए, जिन्हें असम में नागवंशी कहा जाता है।
3. कर्कट: शिव के एक गण हैं। मान्यता है कि सर्पों की माता कद्रू ने एक बार सांपों को भस्म करने की बात कही थी, तो ये भगवान शिव के शरण में चले गए थे।4. अनंत: इनको शेषनाग के नाम से भी जाना जाता है। अनंत नाग भगवान विष्णु के सेवक हैं। मान्यता है कि इन्होंने धरती को अपने फन पर उठा रखा है।
5. तक्षक: ये नाग पाताल लोक में निवास करते हैं। इनका वर्णन महाभारत काल से मिलता है। इनके पिता कश्यप ऋषि और माता कद्रू हैं।
6. कुलिक: इस नाग को ब्राह्मण कुल का माना गया है। मान्यता के अनुसार इनका संबंध ब्रह्मा जी से है।7. शंख: इस नाग नागों के आठ कुलों में शंख माने गए हैं अर्थात् इन्हें सबसे बुद्धिमान माना गया है।8. महापद्म: इस सांप के कुल का वर्णन विष्णुपुराण में मिलता है।डिसक्लेमर'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'