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Kele Ke Paudhe Ki Puja: गुरुवार को करें केले के पौधे की पूजा, धन-धान्य की कमी होगी दूर

Kele Ke Paudhe Ki Puja गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति की पूजा की जाती है। इस दिन केले के पौधे की पूजा की जाती है जिसको बहुत ही लाभकारी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार केले के पौधे में भगवान विष्णु का वास होता है।

By Ritesh SirajEdited By: Updated: Thu, 12 Aug 2021 01:23 PM (IST)
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Kele Ke Paudhe Ki Puja: गुरुवार को करें केले के पौधे की पूजा, धन-धान्य की कमी होगी दूर
Kele Ke Paudhe Ki Puja : सप्ताह के सभी दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा होती रहती है। पूजा के लिए बहुत सारी चीजों का प्रयोग किया जाता है। केले के फल का इस्तेमाल तो प्रसाद में होता है। वहीं केले के पौधे को पूजा-पाठ में बहुत शुभ माना जाता है। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति की पूजा की जाती है। इस दिन केले के पौधे की पूजा की जाती है, जिसको बहुत ही लाभकारी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार केले के पौधे में भगवान विष्णु का वास होता है, इसीलिए गुरुवार के दिन इसकी पूजा का विशेष लाभ है। आइये जानते हैं केले का धार्मिक लाभ:

1. मान्यताओं के अनुसार सात गुरुवार को नियमित रूप से केले की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं और कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है। 

2. कुंडली के आधार पर जिन्हें पुखराज रत्न धारण करना हैं परंतु अगर वह नहीं धारण कर पा रहे हैं, तो केले की जड़ पहन ले, उतना ही लाभ मिलेगा।

3. केले के पौधे की पूजा से कुडंली में बृहस्पति मजबूत होते हैं। जिससे व्यक्ति को धन लाभ होता है और जीवन में धन-धान्य की कमी नहीं होती है।

4. मान्यता है कि अगर मांगलिक दोष वाले व्यक्ति की शादी अगर केले के पौधे से करा दी जाए, तो उसका मांगलिक दोष दूर हो जाता है। 

5. गुरुवार के दिन केले के पौधे की पूजा करने से बृहस्पति ग्रह मजबूत होता हैं और इससे शादी में आने वाली रूकावटें दूर हो जाती हैं।

 6. गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को केला चढ़ाने से घर में सुख, समृद्धि तथा वैभव की प्राप्ति होती है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'