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Masik Janmashtami 2024: इस आरती के बिना अधूरी है भगवान कृष्ण की पूजा, पूरी होगी हर मनोकामना

हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी (Masik Janmashtami 2024) मनाई जाती है। वहीं कार्तिक महीने में अष्टमी तिथि पर अहोई अष्टमी भी मनाई जाती है। इस दिन अहोई माता की पूजा की जाती है। साथ ही राधा कुंड स्नान किया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान कृष्ण की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 23 Oct 2024 09:01 PM (IST)
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Masik Janmashtami 2024: भगवान कृष्ण को कैसे प्रसन्न करें ?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि भगवान कृष्ण को समर्पित है। इस दिन भगवान कृष्ण संग राधा रानी की पूजा की जाती है। इसके साथ ही कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस शुभ अवसर पर साधक श्रद्धा भाव से भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं। अगर आप भी भगवान कृष्ण की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर राधा रानी संग बांके बिहारी की पूजा (Krishna Puja Vidhi) करें। वहीं, पूजा के समय भगवान श्रीकृष्ण को फल, फूल, मेवे, माखन, मिश्री आदि चीजें अर्पित करें। पूजा के अंत में ये आरती जरूर करें।

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शुभ योग

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 25 अक्टूबर को देर रात 01 बजकर 58 पर समाप्त होगी। इस शुभ अवसर पर साध्य योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही दुर्लभ गुरु पुष्य योग का संयोग बन रहा है। वहीं, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग के भी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान कृष्ण की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी।

हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी (Hey Gopal Krishna Karu Aarti Teri)

हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,

हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी,

तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं,

सांझ सवेरे तेरे गुण गाउँ,

प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी,

हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,

हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।

ये माटी का कण है तेरा,

मन और प्राण भी तेरे,

मैं एक गोपी, तुम हो कन्हैया,

तुम हो भगवन मेरे,

हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,

हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।

ओ कान्हा तेरा रूप अनुपम,

मन को हरता जाए,

मन ये चाहे हर पल अंखिया,

तेरा दर्शन पाये,

दर्श तेरा, प्रेम तेरा, आस है मेरी,

हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,

हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।

हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी,

हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी,

तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं,

सांझ सवेरे तेरे गुण गाउँ,

प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी,

हे गोपाल कृष्ण करू आरती तेरी,

हे प्रिया पति मैं करू आरती तेरी ।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।