Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024: कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी पर जरूर करें यह आरती, धन में होगी वृद्धि
कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी (Krishnapingal Sankashti Chaturthi 2024) के दिन सुबह स्नान कर सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए। इसके बाद देशी घी का दीपक जलाकर गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना करें और व्रत का संकल्प लें। पूजा के दौरान प्रभु की आरती जरूर करनी चाहिए। मान्यता है कि आरती न करने से पूजा अधूरी रहती है। आइए पढ़ते हैं भगवान गणेश की आरती।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bhagwan Ganesh Ji Ki Aarti: सनातन धर्म में भगवान गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। मांगलिक कार्य में सर्वप्रथम गणपति बप्पा की पूजा की जाती है। ऐसा करने से मांगलिक कार्य का शुभ फल प्राप्त होता है। भगवान शिव के पुत्र गणपति बप्पा को चतुर्थी तिथि समर्पित है। हर महीने में 2 बार चतुर्थी तिथि का व्रत किया जाता है। आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष यह व्रत 25 जून को है। धार्मिक मान्यता है कि चतुर्थी तिथि पर गणेश जी की विशेष उपसना करने से करने से ज्ञान, सुख-समृद्धि धन और यश में वृद्धि होती है।
॥श्री गणेश जी की आरती॥जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती (माता पार्वती के मंत्र), पिता महादेवा ॥पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥संकट नाशक मंत्रगणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत् ॥विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित् ।
नौकरी प्राप्ति हेतु मंत्रॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।यह भी पढ़ें: Krishna Pingal Chaturthi 2024: भगवान गणेश की पूजा के समय जरूर पढ़ें यह व्रत कथा, आय और सौभाग्य में होगी वृद्धि
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