Laddu Gopal: लड्डू गोपाल जी को सुलाने से पहले ध्यान रखें ये बातें, खुशियों से भर जाएगा घर
Laddu Gopal Puja vidhi आपने कई घरों में लड्डू गोपाल को विराजमान देखा होगा। लड्डू गोपाल की सेवा एक बच्चे की तरह ही की जाती है। माना जाता है कि लड्डू गोपाल जी की विधि-विधान पूर्वक सेवा करने से साधक के घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। ऐसे में लड्डू गोपाल जी को शयन कराने से पहले कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Laddu Gopal Puja Niyam: ज्यादातर घरों में लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दौरान लड्डू गोपाल जी की बच्चे की तरह की देखभाल की जाती है। उन्हें स्नान कराने के बाद वस्त्र पहनाएं जाते हैं और रात में उन्हें शयन भी कराया जाता है। ऐसे में अगर आप लड्डू गोपाल जी को सुलाने से पहले ये काम करते हैं तो इससे आपके लिए समृद्धि के रास्ते खुल सकते हैं।
जरूर करें ये काम
रात में लड्डू गोपाल को शयन कराते समय दूध का भोग लगाया जाना चाहिए। इसके साथ ही लड्डू गोपाल जी को चांदी या फिर सोने के बर्तन में भोग अर्पित करना शुभ माना गया है। अगर आप ऐसा करने में समर्थ नहीं है तो इसके स्थान पर तांबे या फिर पीतल का भी बर्तन भोग के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा करने से साधक पर भगवान श्री कृष्ण की कृपा सदैव बनी रहती है। रात का भोग अर्पित करने से पहले बर्तन को अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए।
शयन कराने के नियम
दिन में दो बार लड्डू गोपाल जी को शयन कराना चाहिए। एक बार दोपहर के समय और दूसरी बार रात के समय। लड्डू गोपाल जी के शयन के समय मंदिर का पर्दा बंद कर देना चाहिए। सर्दियों के मौसम में लड्डू गोपाल जी को कंबल भी ओढ़ा सकते हैं।इन बातों का भी रखें ध्यान
लड्डू गोपाल, भगवान श्री कृष्ण का ही बाल स्वरूप हैं। ऐसे में उनकी सेवा भी एक बच्चे की तरह ही की जाती है। ऐसे में इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि आप जहां भी जा रहे हैं, लड्डू गोपाल को भी अपने साथ लेकर जाएं। अगर ऐसा करना संभव नहीं है, तो आप लड्डू गोपाल जी की जिम्मेदारी किसी रिश्तेदार या पड़ोसी को भी सौंप सकते हैं।
WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करें
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'