Laddu Gopal: इसलिए घर में अकेले नहीं छोड़ने चाहिए लड्डू गोपाल, जानें सेवा संबंधी अन्य नियम
Laddu Gopal Puja vidhi लड्डू गोपाल के रूप में भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप को पूजा जाता है। उनकी एक बच्चे की तरह ही देखभाल की जाती है। लड्डू गोपाल जी की सेवा के कुछ नियम भी बताए गए हैं जिनका ध्यान रखा जाए तो साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं लड्डू गोपाल जी सेवा से संबंधित जरूरी नियम।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Wed, 13 Dec 2023 04:13 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Laddu Gopal Puja Niyam: धार्मिक मान्यता के अनुसार लड्डू गोपाल की पूजा करने से साधक के घर-परिवार में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। लड्डू गोपाल की सेवा करने वाले साधकों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि घर में कभी भी लड्डू गोपाल को अकेला न छोड़ें। आइए जानते हैं इसका कारण।
यह है कारण
लड्डू गोपाल जी की सेवा एक बच्चे की तरह ही की जाती है, जिस तरह आप अपने घर में छोटे बच्चों को अकेला नहीं छोड़ते, ठीक उसी तरह लड्डू गोपाल जी को भी घर में अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। इसका कारण यह माना जाता है कि जिस तरह एक बच्चा अकेले में डर जाता है, उसी तरह लड्डू गोपाल को भी डर लग सकता है। ऐसे में यदि आप कहीं बाहर जा रहे हैं तो लड्डू गोपाल को अपने साथ लेकर जाएं।
जरूर रखें इन बातों का ध्यान
लड्डू गोपाल को प्रतिदिन शंख में जल भरकर स्नान करना चाहिए। सन्ना कराने के बाद उन्हें हमेशा साफ-सुथरे वस्त्र पहनाएं। शंख में लक्ष्मी जी का वास माना गया है। ऐसे में शंख से स्नान करने के बाद उस जल को तुलसी के पौधे में डाल देना चाहिए।इस तरह करें शृंगार
माना जाता है कि लड्डू गोपाल जी को शृंगार करना बहुत पसंद है। ऐसे में लड्डू गोपाल जी को स्नान के बाद साफ-सुथरे और सुंदर वस्त्र पहनाएं। इसके बाद उन्हें चंदन का टीका लगाएं और गहने आदि पहनाएं। इस बात का ध्यान रखें कि उनके मुकुट पर मोर पंख जरूर होना चाहिए।
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कितनी बार लगाएं भोग
लड्डू गोपाल जी को दिन में चार बार भोग लगाना चाहिए। भोग लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि भोजन पूरी तरह से सात्विक होना चाहिए। भोग में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल भूलकर भी नहीं करना चाहिए।डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'