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Lakshmi ji Ki Aarti: लक्ष्मी जी की पूजा में जरूर करें आरती का पाठ, धन की देवी का बना रहेगा आशीर्वाद

हर व्यक्ति चाहता है कि उसके ऊपर मां लक्ष्मी (Lakshmi ji Puja) की विशेष कृपा बनी रहे ताकि उसे धन की समस्या का सामना न करना पड़े। लक्ष्मी माता को प्रसन्न करने के लिए शुक्रवार का दिन सबसे बेहतर माना जाता है। इस दिन आपको पूरे परिवार के साथ मिलकर श्रद्धा भक्ति के साथ मां लक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 08 Nov 2024 07:00 AM (IST)
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Lakshmi ji Ki Aarti: लक्ष्मी जी की पूजा में जरूर करें आरती का पाठ।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, प्रत्येक वार किसी-न-किसी देवी-देवता के लिए समर्पित माना जाता है। इसी तरह शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। इस दिन पर आप धन की देवी की विशेष पूजा-अर्चना द्वारा उनकी कृपा के पात्र बन सकते हैं। पूजा के दौरान मां लक्ष्मी की आरती का पाठ भी जरूर करना चाहिए।

॥ आरती श्री लक्ष्मी जी ॥ (Laxmi Mata Aarti)

ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशिदिन सेवत,हरि विष्णु विधाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी,तुम ही जग-माता।

सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी,सुख सम्पत्ति दाता।

जो कोई तुमको ध्यावत,ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

(Picture Credit: Freepik) (AI Image)

वैसे तो हर दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जा सकती है। लेकिन हिंदू मान्यताओं के अनुसार, शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी के लिए समर्पित माना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है।

तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं,सब सद्गुण आता।

सब सम्भव हो जाता,मन नहीं घबराता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते,वस्त्र न कोई पाता।

खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

कोई भी पूजा, आरती के बिना अधूरी मानी जाती है। ऐसे में लक्ष्मी माता की पूजा के दौरान अंत में लक्ष्मी माता की आरती का पाठ भी जरूर करना चाहिए, ताकि आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके। साथ ही मां लक्ष्मी की की पूजा में आप उन्हें कमल के फूल भी अर्पित कर सकते हैं।  

(Picture Credit: Freepik) (AI Image)

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शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर,क्षीरोदधि-जाता।

रत्न चतुर्दश तुम बिन,कोई नहीं पाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई जन गाता।

उर आनन्द समाता,पाप उतर जाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता॥

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।