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Mangala Gauri Vrat 2020: सावन का अंतिम मंगला गौरी व्रत आज, जानें पूजा विधि, मंत्र एवं मुहूर्त

Mangala Gauri Vrat 2020 आज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है और मंगलवार दिन है। आज सावन का अंतिम मंगला गौरी व्रत है।

By Kartikey TiwariEdited By: Updated: Tue, 28 Jul 2020 06:59 AM (IST)
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Mangala Gauri Vrat 2020: सावन का अंतिम मंगला गौरी व्रत आज, जानें पूजा विधि, मंत्र एवं मुहूर्त
Mangala Gauri Vrat 2020: आज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है और मंगलवार दिन है। सावन के हर मंगलवार को माता मंगला गौरी का व्रत रखा जाता है। आज सावन का अंतिम मंगला गौरी व्रत है। आज के दिन सुहागन महिलाएं अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए माता मंगला गौरी की विधि पूर्वक पूजा अर्चना करती हैं। माता मंगला गौरी की पूजा के साथ भगवान शिव की भी पूजा की जाती है। मान्यता है कि ​य​ह व्रत रखने से दाम्पत्य जीवन की समस्या या फिर वैवाहिक दोष भी दूर हो सकते हैं। आइए जानते हैं कि आज मंगला गौरी व्रत एवं पूजा की शुभ मुहूर्त, विधि एवं मंत्र क्या हैं।

आज का शुभ समय

दिन: मंगलवार, श्रावण मास, शुक्ल पक्ष, नवमी तिथि।

अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से दिन में 12 बजकर 55 मिनट तक।

अमृत काल: 29 जुलाई के तड़के 12 बजकर 10 मिनट से 01 बजकर 42 मिनट तक।

रवि योग: दिन में सुबह 09 बजकर 42 मिनट से 29 जुलाई को सुबह 05 बजकर 41 मिनट तक।

विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से दोपहर 03 बजकर 37 मिनट तक।

दिशाशूल एवं राहुकाल

आज का दिशाशूल: उत्तर।

आज का राहुकाल: दोपहर 03:00 बजे से शाम 04:30 बजे तक।

मंगला गौरी व्रत एवं पूजा विधि

आज सुबह स्नान आदि कार्यों से निवृत होकर साफ कपड़े पहन लें। फिर सावन के अंतिम मंगला गौरी व्रत एवं पूजा का संकल्प करें। अब एक चौकी पर माता पार्वती, भगवान शिव एवं गणेश जी की एक तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद माता मंगला गौरी यानी पार्वती जी को पुष्प, अक्षत्, सिंदूर, फल, मिठाई, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें। इसके बाद माता रानी को सुहाग की सामग्री, जिसमें 16 श्रृंगार की वस्तुएं जैसे सिंदूर, मेंहदी, चूड़ी, चुनरी, साड़ी आदि शामिल हों, अर्पित कर दें। माता को ये वस्तुएं चढ़ाते समय महागौरी मंत्र का उच्चारण करें।

माता रानी की पूजा के बाद भगवान शिव शंकर का जलाभिषेक करें तथा शिव पंचाक्षर मंत्र ओम नम: ​शिवाय का जाप करें। फिर महादेव को भांग, बेलपत्र, धतूरा, सफेद फूल, गाय का दूध, फल, शहद आदि अर्पित करें। इसके पश्चात गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा करें। फिर मंगला गौरी व्रत का पाठ करें। अंत में माता मंगला गौरी की आरती करें।

पूजा के अंतिम भाग में प्रसाद अपने प्रियजनों में वितरित कर दें। पूजा के दौरान माता मंगला गौरी और महादेव को भेंट की गई वस्तुएं किसी ब्राह्मण को दान करें।

महागौरी मंत्र

मंगला गौरी व्रत के दिन पूजा करने के दौरान महागौरी मंत्र का जाप करना चाहिए।

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके।

शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।