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जानें दुर्गा विसर्जन का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

2017 का दुर्गा विसर्जन 30 सितंबर शनिवार को किया जायेगा। विसर्जन की भी अपनी एक पूजा विधि होती है जिनकी ओर ध्यान देना चाहिए।

By Prabhapunj MishraEdited By: Updated: Fri, 29 Sep 2017 04:01 PM (IST)
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जानें दुर्गा विसर्जन का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
कैसे करें विसर्जन की पूजा

सर्वप्रथम विसर्जन के पूर्व दुर्गा प्रतिमा की रोली, चावल, फूल, आदि से पूजा करें तथा नीचे लिखे मंत्र का जाप करते हुए देवी की संकल्प आराधना करें। 

रूपं देहि यशो देहि भाग्यं भगवति देहि मे।

पुत्रान् देहि धनं देहि सर्वान् कामांश्च देहि मे।।

महिषघ्नि महामाये चामुण्डे मुण्डमालिनी।

आयुरारोग्यमैश्वर्यं देहि देवि नमोस्तु ते।।

इसके बाद नवरात्री के पहले दिन कलश स्‍थापना के समय चढाई गई सुहाग सामग्री परिवार की सुहागनों में वितरित कर दें। कलश में लगे जौ को घर के लॉकर या जहां भी पैसे इत्‍यादी रखते हों वहां रख दें। अब देवी की प्रतिमा या तस्‍वीर जो भी आपने स्‍थापित की हो, जिस पात्र में जवारे बोए गए हो उसे और इन नौ दिनों में उपयोग की गई पूजन सामग्री का श्रद्धा पूर्वक पास के नदी, तलाब या समुद्र में विसर्जन कर दें। विसर्जन के बाद एक नारियल, दक्षिणा और चौकी के कपडे़ को दान कर दें। 

क्‍या है शुभ महूर्त 

मां प्रतिमा का विर्सजन 30 सितंबर को किया जायेगा। इस दिन प्रातः 06:17 बजे से 08:38 के बीच में विर्सजन का शुभ महूर्त बताया गया है। इसके अलावा आज रात्री में यानि 29 सितंबर को 23:49 बजे से लेकर 1 अक्‍टूबर 01:28 बजे तक भी विर्सजन किया जा सकता है। ये अवधि मुख्‍य रूप से सार्वजनिक दुर्गा पूजा पंडालों के लिए मान्‍य है।