Move to Jagran APP

Lohri 2023 Date: लोहड़ी आज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Lohri 2023 Confirm Date लोहड़ी का पर्व मकर संक्रांति के आसपास ही पड़ता है। यह पर्व मुख्य रूप से कृषि और प्रकृति को समर्पित है। सिख समुदाय के साथ देशभर के लोग एक दूसरे को लोहड़ी पर्व की शुभकामनाएं देते हैं। जानिए लोहड़ी की तिथि मुहूर्त और पूजा विधि।

By Shivani SinghEdited By: Shivani SinghUpdated: Sat, 14 Jan 2023 06:34 AM (IST)
Hero Image
Lohri 2023: लोहड़ी आज, जानिये शुभ मुहूर्त और महत्व
नई दिल्ली, Lohri 2023 Shubh Muhurat, Puja Vidhi: उत्तर भारत में मकर संक्रांति के अलावा लोहड़ी का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। आमतौर पर लोहड़ी का पर्व सिख समुदाय के लोग मनाते हैं। इस पर्व में घर के बाहर या फिर खुली जगह पर आग जलाई जाती है और इस पवित्र आग की परिक्रमा करने के साथ उसमें तिल, गजक, पॉपकॉर्न, मूंगफली आदि अर्पित करते हैं। जानिए इस साल किस दिन मनाई जा रही है लोहड़ी, साथ ही जानिए महत्व और शुभ मुहूर्त।

Lohri 2023 Upay: धन-वैभव के लिए लोहड़ी पर करें ये खास उपाय, कभी नहीं होगी पैसों की कमी

Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति पर ऐसे करें सूर्यदेव की पूजा, मान-सम्मान के साथ होगी तरक्की

लोहड़ी 2023 शुभ मुहूर्त (Lohri 2023 Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, सूर्य देव 14 जनवरी को रात 8 बजकर 21 मिनट पर मकर राशि प्रवेश करने वाले हैं। ऐसे में 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। वहीं एक दिन पहले लोहड़ी का पर्व मनाया जाएगा। लोहड़ी का शुभ मुहूर्त रात 8 बजकर 57 मिनट पर है।

Makar Sankranti 2023 Daan: मकर संक्रांति पर करें इन चीजों का दान, शनि और राहु दोष के दुष्प्रभाव होंगे कम

लोहड़ी 2023 का महत्व

पारंपरिक तौर पर लोहड़ी का पर्व फसल की कटाई और नई फसल बुआई के साथ जुड़ा हुआ है। लोहड़ी की आग में रवि की फसल के तौर पर तिल, रेवड़ी, मूंगफली, गुड़ आदि चीजें अर्पित की जाती है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य देव अग्नि देव को आभार व्यक्त करते है, जिससे कि फसल अच्छी उत्पन्न हो। इस दिन पंजाबी लोग सज धज कर ढोल की थाप में भांगड़ा आदि करते हैं और महिलाएं पारंपरिक लोहड़ी का गीत गाकर उत्साह बढ़ाती है।

लोहड़ी 2023 पूजा विधि (Lohri 2023 Puja Vidhi)

इस दिन गजक, रेवड़ी, पॉपकॉर्न, मूंगफली आदि खरीद लाएं। इसके साथ ही घर के बाहर या फिर खुली जगह पर लकड़ियों को इकट्ठा कर लें।

रात के समय मुहूर्त के अनुसार इसमें आग लगाए और फिर अपने परिवार के साथ अग्नि देव का शुक्रिया कहते हुए 7 या फिर 11 बार परिक्रमा करें। इसके साथ ही गजक, रेवड़ी, पॉपकॉर्न आदि आग में अर्पित करते जाएं और एक-दूसरे को लोहड़ी की बधाई दें। अंत में लोहड़ी के प्रसाद का बांट दें।

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।