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Shri Yantra: श्री यंत्र से होता है मां लक्ष्मी का निवास, जानें किसने दिया था इसकी स्थापना का सुझाव

Shri Yantra ज्योतिषशास्त्र में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्री यंत्र का विशेष महत्व है। शुक्रवार का दिन श्री यंत्र की स्थापना के लिए शुभ माना जाता है परन्तु श्री यंत्र की स्थापना और पूजन में कुछ नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

By Jeetesh KumarEdited By: Updated: Fri, 25 Jun 2021 01:10 PM (IST)
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श्री यंत्र से होता है मां लक्ष्मी का निवास, जानें किसने दिया था इसकी स्थापना का सुझाव
Shri Yantra: ज्योतिषशास्त्र में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्री यंत्र का विशेष महत्व बताया गया है। श्री यंत्र का विधिवत् पूजन करने से मां लक्ष्मी का आपके घर में स्थायी वास होता है। जहां भी श्री यंत्र की पूजा होती है, वहां मां लक्ष्मी की कृपा से धन-सम्पति की कभी कोई कमी नहीं रहती है। श्री यंत्र की साधना से केवल धन की ही प्राप्ति नहीं होती है, बल्कि इससे शक्ति और सिद्धि की भी प्राप्ति की जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, श्री यंत्र स्थापना और पूजा का सुझाव देव गुरू बृहस्पति ने दिया था। शुक्रवार का दिन श्री यंत्र की स्थापना के लिए शुभ माना जाता है, परन्तु श्री यंत्र की स्थापना और पूजन में कुछ नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

कौन सा श्री यंत्र है सही

श्री यंत्र दो तरह का होता है ऊर्ध्वमुखी मतलब ऊपर की ओर या अधोमुखी यानि नीचे की ओर की आकृति वाला। ऊर्ध्वमुखी श्री यंत्र अधिक प्रभावशाली माना जाता है इसकी स्थापना करना उचित है। श्री यंत्र को खरीदने से पहले भली–भांति देख लेना चाहिए कि उसकी आकृति और रेखाओं में कोई गलती न हो। यंत्रों का सारा प्रभाव उनकी विशेष ज्यामितीय आकृति के कारण होता है। श्री यंत्र किसी भी धातु या कागज पर बना हुआ लिया जा सकता है, परन्तु स्फटिक का पिरामिड आकृति में बना हुए श्री यंत्र की स्थापना करना सर्वाधिक लाभप्रद है।

श्री यंत्र की पूजा विधि

श्री यंत्र को अपने पूजा घर में शुक्रवार या किसी शुभ मुहूर्त पर स्थापित करना चाहिए। श्री यंत्र को एक चौकी पर गुलाबी रंग के आसन पर रखना चाहिए। विधिवत् किसी धर्माचार्य से इसकी प्राण प्रतिष्ठा करानी चाहिए। नियमित तौर पर हर दिन श्री यंत्र को जल से स्नान कराएं तथा धूप, दीप, नैवेद्य चढ़ाना चाहिए। श्री यंत्र पर मां लक्ष्मी के प्रिय लाल या गुलाबी रंग के फूल तथा इत्र जरूर चढ़ाना चाहिए।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'