Magh Gupt Navratri 2023: इस शुभ योग में प्रारंभ हो रही है माघ गुप्त नवरात्रि, इन बातों का रखें ध्यान
Magh Gupt Navratri 2023 हिन्दू धर्म में माघ गुप्त नवरात्रि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। नवरात्रि व्रत के इन नौ दिनों में मां भगवती की गुप्त रूप से पूजा की जाती है। इस वर्ष माघ गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ सर्वाधिक शुभ योग में हो रहा है।
By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Fri, 20 Jan 2023 12:12 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Magh Gupt Navratri 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष 4 बार नवरात्रि पड़ती है। दो बार माघ और आषाढ़ मास में और दो बार चैत्र और आश्विन मास में। वर्तमान समय में माघ मास चल रहा है। जिसमें माघ गुप्त नवरात्रि व्रत रखा जाएगा, जिसका प्रारंभ 22 जनवरी 2023, रविवार (Magh Gupt Navratri 2023 Start Date) के दिन हो रहा है। माघ गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है। जिनमें- काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, चिन्नामस्ता त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगुलामुखी, मातंगी और कमला देवी की आराधना की जाती है। इस वर्ष गुप्त नवरात्रि व्रत का शुभारंभ सिद्धि योग में होगा। जिस कारण से गुप्त नवरात्रि का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, तिथि और कलश स्थापना का समय।
माघ गुप्त नवरात्रि तिथि (Magh Gupt Navratri 2023 Tithi)
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 21 जनवरी को रात्रि के समय होगी और इस तिथि का समापन अगले दिन 22 जनवरी को रात्रि 10:30 पर होगा। माघ गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ 22 जनवरी से होगा और नवमी तिथि 30 जनवरी के दिन है। इन 9 दिनों में मां भगवती की उपासना गुप्त रूप से की जाएगी। पंचांग के अनुसार कलश स्थापना 22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12:10 से 12:54 के बीच किया जाने का विधान है।
माघ गुप्त नवरात्रि शुभ योग (Magh Gupt Navratri 2023 Shubh Yoga)
ज्योतिष पंचांग में बताया गया है कि गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ 22 जनवरी को सर्वाधिक शुभ योग अर्थात सिद्धि योग में होने जा रहा है। जो सुबह 10:07 से प्रारंभ होगा और अगले दिन सुबह 5:41 मिनट तक रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस योग में पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को सर्वाधिक लाभ मिलता है।माघ गुप्त नवरात्रि नियम (Magh Gupt Navratri 2023 Niyam)
गुप्त नवरात्रि में उपासको को कुछ विशेष नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए। जो लोग इस अवधि में तंत्र साधना करेंगे, उन्हें पूर्ण नवरात्रि में जमीन पर सोना चाहिए। साथ ही उन्हें ब्रह्मचर्य का पूर्ण रूप से पालन करना चाहिए। माघ गुप्त नवरात्रि की अवधि में क्षमा और दया भाव मन में होना चाहिए और काम एवं क्रोध को त्याग कर ही पूजा-पाठ करना चाहिए। मां भगवती की पूजा के समय देवी मां को रोली, लाल चंदन, लाल वस्त्र, लाल साड़ी, आभूषण और श्रृंगार की सामग्री जरूर अर्पित करें।
यह भी पढ़ें: Magh Gupt Navratri 2023: 22 जनवरी से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि, जानिए शुभ मुहूर्त और महत्व
डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।