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Magh Purnima 2024: मनचाही इच्छा करना चाहते हैं पूरी, तो माघ पूर्णिमा के दिन इन मंत्रों का करें जाप

माघ पूर्णिमा के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। इस दिन शास्त्रों में बताए गए नियमों का पालन कर और पवित्र मंत्रों का जाप करके पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही व्यक्ति की हर इच्छा पूर्ण हो जाती है।

By Jagran News Edited By: Kaushik SharmaUpdated: Sun, 18 Feb 2024 07:00 PM (IST)
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Magh Purnima 2024: मनचाही इच्छा करना चाहते हैं पूरी, तो माघ पूर्णिमा के दिन इन मंत्रों का करें जाप

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Magh Purnima 2024: सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि मुख्यतः जगत पालनहार के भगवान विष्णु को समर्पित मानी जाती है। हर महीने में पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस बार माघ माह में पूर्णिमा 24 फरवरी को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस तिथि पर किए गए दान-पुण्य से इंसान को 32 गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। इस दिन शास्त्रों में बताए गए नियमों का पालन कर और पवित्र मंत्रों का जाप करके पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही व्यक्ति की हर इच्छा पूर्ण हो जाती है। चलिए जानते हैं भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के कुछ विशेष मंत्र।

माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

माघ पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार, माघ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 23 फरवरी को दोपहर 03 बजकर 33 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 24 फरवरी को शाम 05 बजकर 59 मिनट पर तिथि का समापन होगा। उदया तिथि अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, माघ पूर्णिमा 24 फरवरी को है।

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भगवान विष्णु के मंत्र 

1. ॐ नमोः नारायणाय।।

2. ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय।।

3. ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि।

तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्।।

4. शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्

विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।

लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्

वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्।।

5. मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।

मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः।।

माता लक्ष्मी मंत्र  

1. ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः।।

2. ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद।

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:।।

3. ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि,

तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ।।

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डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।