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Mahalakshmi Vrat 2024: आरती के बिना अधूरी है महालक्ष्मी व्रत की पूजा, प्रसन्न होंगी धन की देवी

मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए महालक्ष्मी व्रत को बहुत ही खास माना गया है। यह व्रत कम-से-कम 16 दिनों तक रखने का विधान है। हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी को धन की देवी के रूप में पूजा जाता है। ऐसे में जो भी साधक पूरे विधि-विधान से इस व्रत को करता है उसे कभी धन-सम्पदा की कमी नहीं सताती।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Wed, 11 Sep 2024 05:38 PM (IST)
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Mahalakshmi Vrat 2024: आरती के बिना अधूरी है महालक्ष्मी व्रत की पूजा।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत होती है। वहीं इस व्रत का समापन आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर होता है। ऐसे में इस साल बुधवार, 11 सितंबर से महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत हो चुकी है, जिसका समापन मंगलवार, 24 सितंबर को होगा। आरती के बिना मां लक्ष्मी की पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसे में आइए पढ़ते हैं मां लक्ष्मी की आरती।

लक्ष्मीजी आरती

महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।

हरि प्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥

पद्मालये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं च सर्वदे ।

सर्वभूत हितार्थाय, वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।

तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता...

उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता ।

सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता...

दुर्गा रुप निरंजनि, सुख-संपत्ति दाता ।

जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥

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ॐ जय लक्ष्मी माता...

तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता ।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी, भव निधि की त्राता ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता...

जिस घर तुम रहती हो, ताँहि में हैं सद्‍गुण आता ।

सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता...

तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता ।

खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता...

शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता ।

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता...

महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता ।

उँर आंनद समाता, पाप उतर जाता ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता...

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।

तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥

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जरूर करें ये काम

महालक्ष्मी व्रत की अवधि के दौरान घी की अखंड ज्योत जरूर जलाएं। इससे मां लक्ष्मी घर में वास करती हैं, जिससे व्यक्ति का दुर्भाग्य दूर होता है और सौभाग्य में वृद्धि होती है। पूजा के दौरान लक्ष्मी जी को उनकी प्रिय चीजें जैसे - कौड़ी, कमल आदि जरूर अर्पित करें। इसके साथ ही महालक्ष्मी पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप जरूर करें-

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।