Mahalaxmi Vrat 2020 Aarti and Mantra: पूजा करते समय करें महालक्ष्मी की आरती और करें माता के नामों का जाप
Mahalaxmi Vrat 2020 Aarti and Mantra भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को महालक्ष्मी व्रत होता है। यह व्रत 25 अगस्त से शुरू होकर 10 सितंबर तक चलेगा।
Mahalaxmi Vrat 2020 Aarti and Mantra: भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को महालक्ष्मी व्रत होता है। यह व्रत 25 अगस्त से शुरू होकर 10 सितंबर तक चलेगा। यह व्रत 16 दिनों तक चलता है। इस व्रत का समापन आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को किया जाता है। मान्यता है कि अगर कोई महालक्ष्मी का व्रत पूरी निष्ठा के साथ करें तो व्यक्ति को सुख, समृद्धि, संपन्नता और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। अगर आप महालक्ष्मी जी की पूजा-अर्चना के साथ उनकी आरती करते हैं तो व्रत का फल दोगुना हो जाता है। तो चलिए पढ़ते हैं महालक्ष्मी की आरती:
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता ।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता ।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता ।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई जन गाता ।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता ॥
महालक्ष्मी के मंत्र:
जो लो महालक्ष्मी का व्रत करते हैं वो पूजा की प्रथम तिथि को हल्दी से रंगे 16 गांठ वाला रक्षासूत्र अपने हाथ में बांधते हैं। फिर 16वें दिन पूरे विधि-विधान के साथ व्रत का उद्यापन किया जाता है। वहीं, आखिर में इस रक्षासूत्र को विसर्जित कर दिया जाता है। इस दौरान आप महालक्ष्मी जी के मंत्रों का जाप कर सकते हैं। इन मंत्रों में लक्ष्मी जी के नाम वर्णित किए गए हैं। ये मंत्र निम्न हैं:
ऊं आद्यलक्ष्म्यै नम:
ऊं विद्यालक्ष्म्यै नम:
ऊं सौभाग्यलक्ष्म्यै नम:
ऊं अमृतलक्ष्म्यै नम:
ऊं कामलक्ष्म्यै नम:
ऊं सत्यलक्ष्म्यै नम:
ऊं भोगलक्ष्म्यै नम:
ऊं योगलक्ष्म्यै नम: