Mahashivratri 2023: भगवान शिव को बिल्कुल भी न चढ़ाएं ये 5 चीजें, बढ़ जाएगी मुश्किलें
Mahashivratri 2023 धार्मिक शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव की पूजा करते समय कुछ नियमों का जरूर पालन करना चाहिए। ऐसे ही कुछ चीजें है जिन्हें शिवलिंग पर बिल्कुल भी नहीं चढ़ाना चाहिए। आइए जानते हैं इन चीजों के बारे में।
By Shivani SinghEdited By: Shivani SinghUpdated: Sat, 18 Feb 2023 04:29 PM (IST)
नई दिल्ली, Mahashivratri 2023: शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान शिव को प्रसन्न करना बहुत सरल है। भोलेनाथ गंगाजल, भांग, धतूरा और बेलपत्र जैसे साधारण, किन्तु महत्वपूर्ण चीजों से प्रसन्न हो जाते हैं। बता दें कि आज यानि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस साल महाशिवरात्रि में सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ काफी खास योग बन रहे हैं। ऐसे में भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी। शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करते समय कुछ चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। कुछ ऐसी चीजें है जिन्हें भगवान शिव को चढ़ाना वर्जित है।
शिवलिंग में न चढ़ाएं ये चीजें
न चढ़ाएं हल्दी भगवान शिव की पूजा करते समय हल्दी नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि हल्दी को स्त्री तत्व माना जाता है। इसे महिलाएं सौंदर्य के रूप में इस्तेमाल करती हैं।
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सिंदूर या रोली
भगवान शिव, शिवलिंग में सिंदूर, कुमकुम या फिर रोली नहीं चढ़ानी चाहिए। क्योंकि इसे सोलह श्रृंगार में से एक माना जाता है, जो सुहाग की निशानी है।तुलसी भगवान शिव को तुलसी भी नहीं अर्पित करनी चाहिए। पौराणिक कथा के अनुसार, मां तुलसी का नाम वृंदा था, जो राक्षस जालंधर की पत्नी थी। राक्षस जालंधर के कोहराम से परेशान होकर भगवान शिव ने उसका वध कर दिया था। ऐसे में वृंदा ने दुखी होकर शिव जी का शाप दे दिया था कि आपकी पूजा में मेरा इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इस कारण तुलसी दल भगवान शिव को नहीं चढ़ाया जाता है।
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नारियल शिवलिंग में नारियल और नारियल पानी नहीं चढ़ाया जाता है। क्योंकि नारियल को श्रीफल कहा जाता है, जो मां लक्ष्मी का स्वरूप है। न चढ़ाएं ये फूल भगवान शिव को केतकी का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि केतकी से ब्रह्मा जी का साथ देते हुए झूठ बोला था। इसी के कारण शिव जी ने उन्हें शानम दे दिया था कि उनकी पूजा में तुम्हारा इस्तेमाल नहीं होगा। इसके अलावा भगवान शिव को लाल रंग के फूल, कनेर, चंपा, कमल आदि भी नहीं चढ़ाएं जाते हैं।डिसक्लेमर'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'
नारियल शिवलिंग में नारियल और नारियल पानी नहीं चढ़ाया जाता है। क्योंकि नारियल को श्रीफल कहा जाता है, जो मां लक्ष्मी का स्वरूप है। न चढ़ाएं ये फूल भगवान शिव को केतकी का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि केतकी से ब्रह्मा जी का साथ देते हुए झूठ बोला था। इसी के कारण शिव जी ने उन्हें शानम दे दिया था कि उनकी पूजा में तुम्हारा इस्तेमाल नहीं होगा। इसके अलावा भगवान शिव को लाल रंग के फूल, कनेर, चंपा, कमल आदि भी नहीं चढ़ाएं जाते हैं।डिसक्लेमर'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'