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Makar Sankranti 2024 Katha: मकर संक्रांति की पूजा के समय पढ़ें ये कथा, जीवन में मिलेगी सफलता

हर साल मकर संक्रांति का पर्व सूर्य के मकर राशि में गोचर करने की तिथि पर बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर सूर्य देव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन स्नान-दान करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन पूजा के दौरान मकर संक्रांति की कथा का पाठ करने से सुख-शांति मिलती है।

By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Fri, 12 Jan 2024 05:44 PM (IST)
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Makar Sankranti 2024 Katha: मकर संक्रांति की पूजा के समय पढ़ें ये कथा, जीवन में मिलेगी सफलता
दिल्ली। Makar Sankranti 2024 Katha: हर साल मकर संक्रांति का पर्व सूर्य के मकर राशि में गोचर करने की तिथि पर बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर सूर्य देव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है। ऐसा करने से कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत होता है। कहा जाता है कि कुंडली में सूर्य ग्रह के मजबूत होने से व्यक्ति को जीवन में सफलता हासिल होती है। इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन पवित्र नदियों स्नान करने का विशेष महत्व है। साथ ही दान करना भी उत्तम माना जाता है। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन पूजा के दौरान मकर संक्रांति की कथा का पाठ करने से सुख-शांति मिलती है। चलिए पढ़ते हैं मकर संक्रांति की कथा।

मकर संक्रांति कथा (Makar Sankranti Katha)

पौराणिक कथा के अनुसार, एक प्रभावशाली कपिल मुनि थे। उन पर राजा सगर के पुत्रों ने देव इंद्र का घोड़ा चोरी करने का झूठा आरोप लगाया था, जिससे क्रोधित होकर कपिल मुनि ने राजा सगर के 60 हजार पुत्रों को भस्म करने का श्राप दिया। देव इंद्र के द्वारा ऋषि से माफी मांगने पर कपिल मुनि का गुस्सा शांत हुआ। उनकी माफी पर कपिल मुनि ने उपाय के तौर पर बताया कि मां गंगा को किसी भी तरह पृथ्वी पर लाना होगा। राजा सगर के पोते अंशुमान और राजा भगीरथ की अधिक तपस्या करने के बाद पृथ्वी पर मां गंगा प्रकट हुईं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसके बाद जब राजा सगर के 60 हजार पुत्रों को मोक्ष की प्राप्ति हुई तब से हर साल मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है।

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मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान का महत्व

मान्यता है कि मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और दान करने से इंसान के सभी बुरे पाप खत्म हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन गंगा स्नान करने से 10 अश्वमेध यज्ञ और 1000 गाय दान करने के समान शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन कई चीजों का दान करने से सभी कार्यों में सफलता हासिल होती है और घर में सुख-शांति का आगमन होता है। गंगा स्नान से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना उत्तम माना जाता है।

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