Mangalvar Vrat Katah: मंगलवार को हनुमान जी के पूजन में करें इस व्रत कथा का पाठ, पूरी होगी हर मनोकामना
Mangalvar Vrat Katah मंगलवार के दिन संकटमोचक हनुमान जी की आराधना का दिन होता है। इस दिन व्रत रखने के साथ मंगलवार व्रत कथा का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं....
By Jeetesh KumarEdited By: Updated: Tue, 21 Dec 2021 07:32 AM (IST)
Mangalvar Vrat Katah: मंगलवार के दिन संकटमोचक हनुमान जी की आराधना का दिन होता है। इस दिन हनुमान भक्ति श्रद्धा पूर्वक व्रत और पूजन करते है। पौराणिक मान्यता है कि हनुमान जी कलियुग के एकमात्र देव हैं सशरीर धरती पर निवास करते हैं। इसी कारण हनुमान जी शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सभी कष्ट दूर करते हैं। मंगलवार का दिन विशेष रूप हनुमान जी की पूजा को समर्पित है। इस दिन व्रत रखने के साथ मंगलवार व्रत कथा का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं....
मंगलवार व्रत कथाप्राचीन काल की बात है एक ब्राह्मण दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी। जिस कारण वे बहुत दुःखी थे। एक दिन ब्राह्मण वन में हनुमान जी की पूजा करने के लिए गया। वहाँ उसने पूजा के बाद बजरंगबली से पुत्र की कामना की। उसकी स्त्री भी पुत्र की इच्छा से मंगलवार का व्रत करती थी। वो व्रत के अंत में हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करती थी।
एक बार मंगलवार को घर में कुछ भी खाने को नहीं था।इसलिए ब्राह्मणी उस दिन ना भोजन ही बना पाई और ना ही हनुमान जी को भोग लगा पाई । उसने प्रण लिया कि वह अगले मंगलवार को हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करेगी। वो छह दिन तक भूखी प्यासी ही रही। मंगलवार के दिन कमजोरी के कारण वो बेहोश हो गई। हनुमान जी उसके कठोर व्रत और तप से द्रवित हो गए । उन्होंने प्रसन्न हो कर ब्राह्मणी को एक पुत्र दिया और कहा कि यह तुम्हारी सभी इच्छाओं की पूर्ति करेगा।
पुत्र को पाकर ब्राह्मणी बहुत प्रसन्न हुई। उसने अपने पुत्र का नाम मंगल रखा। कुछ समय बाद जब ब्राह्मण घर आया, तो लड़के के विषय में पूछा कि यह कौन है? ब्राह्मण की पत्नी ने कहा कि मंगलवार व्रत से प्रसन्न होकर हनुमान जी ने उसे यह पुत्र दिया है। ब्राह्मण को अपनी पत्नी की बात पर विश्वास नहीं हुआ। एक दिन ब्राह्मण ने लड़के को कुएं में गिरा दिया। घर वापस लौटने पर पत्नी ने पूछा कि उसका पुत्र मंगल कहां है? तभी दंपती ने देखा कि मंगल मुस्कुरता हुआ आ रहा है। उसे वापस देखकर ब्राह्मण आश्चर्यचकित रह गया। रात्रि में हनुमान जी ने उसे सपने में दर्शन दिए और कहा कि यह पुत्र उसकी पत्नी को आशीर्वाद के रूप में उन्होंने ही दिया है। ब्राह्मण बात जानकर बहुत खुश हुआ। मंगल को अपने पुत्र के रूप में पाकर, अपना जीवन हनुमान जी भक्ति में अर्पित कर दिया।
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