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Mangalvar Vrat Vidhi: हर संकट का नाश करता है मंगलवार का व्रत, जानिए व्रत के बारे में सब कुछ

Mangalvar Vrat Puja Vidhi मंगलवार का दिन भगवान हनुमान जी से संबंधित है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने के साथ व्रत रखने से हर संकट से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। जानिए मंगलवार व्रत का पूजा और उद्यापन विधि।

By Shivani SinghEdited By: Updated: Tue, 13 Sep 2022 11:49 AM (IST)
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Mangakvar Vrat Vidhi: मंगलवार पूजा और उद्यापन विधि
नई दिल्ली, Mangalvar Vrat Vidhi: मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि इस दिन बजरंगबली की पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। पंचांग के अनुसार, वार के हिसाब से हर एक दिन किसी न किसी देवी- देवता को समर्पित है। इसी तरह मंगलवार (Mangalwar)का दिन प्रभु श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी को समर्पित है। माना जाता है हर कष्टों से छुटकारा पाने के लिए मंगलवार का व्रत रखना लाभकारी होता है। इस व्रत को लेकर ऐसी मान्यता है कि यह बल, साहस, पुरुषार्थ, सम्मान बढ़ाने वाला व्रत है। इसके साथ ही इस व्रत को करने से सभी प्रकार की बुरी शक्तियों का नाश हो जाता है। जानिए मंगलवार व्रत (Tuesday Fast) कब से शुरू करना चाहिए। इसके क्या विधि है।

मंगलवार क्यों है हनुमान जी का दिन?

स्कंद पुराण के अनुसार, मंगलवार के दिन पवन पुत्र हनुमान (Lord Hanuman) का जन्म हुआ था। इसी कारण इस दिन इनकी पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है और हर संकट से छुटकारा मिल जाता है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगलवार मंगल ग्रह से भी संबंधित है। इसी कारण कहा जाता है कि कुंडली में मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए हनुमान जी की पूजा अर्चना करें।

कब से शुरू करें मंगलवार का व्रत? (Kab Shuru Kare Mangalvar Vrat)

अगर आप मंगलवार का व्रत आरंभ करना चाहते हैं, किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार के दिन इस व्रत को आरंभ कर सकते हैं। इस दिन अपने मन में कामना कह कर आप व्रत शुरू करें। इसके साथ ही 21 या 45 मंगलवार का व्रत करने का संकल्प लें। इसके बाद पूरे मंगलवार होते ही उद्यापन कर दें।

मंगलवार व्रत की पूजा विधि (Mangalvar Vrat Puja Vidhi)

आपने 21 या 45 मंगलवार का संकल्प लिया , तो उसे पूर्ण अवश्य करें। मंगलवार वाले दिन प्रात: काल उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व कोने (North East Corner) को साफ करके एक चौकी में भगवान हनुमान की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। आप चाहे, तो हनुमान जी की तस्वीर पूजा घर में ही रख सकते हैं। इसके बाद भगवान हनुमान को लाल रंग के कपड़े पहनाएं और हाथ में थोड़ा सा जल लेकर व्रत का संकल्प लें।

अब भगवान हनुमान को लाल रंग का फूल और माला चढ़ाएं। इसके साथ ही सिंदूर लगाएं। फिर भोग लगाएं। भोग में बूंदी के लड्डू या फिर चने और गुड़ का प्रसाद बना सकते हैं। जल चढ़ाने के बाद धूप और घी का दीपक जला लें।

दीपक जलाने के बाद सुंदरकांड, चालीसा का पाठ कर लें। पाठ समाप्त करने के बाद आरती कर लें। अंत में भूल चूक के लिए माफी मांग लें। अब दिनभर व्रत रखें। सूर्यास्त से पहले भगवान हनुमान की आरती करने के बाद प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रत खोल लें और भोजन कर लें।

मंगलवार व्रत का उद्यापन (Mangalvar Vrat Udyapan)

21 या 45 मंगलवार व्रत रखने के बाद 22वें या 46वें मंगलवार के दिन उद्यापन करना चाहिए। इसके लिए भगवान हनुमान को चोला चढ़ाएं। इसके साथ ही 21 ब्राह्मणों को बुलाकर भोजन कराएं। इसके साथ ही अपनी योग्यता के अनुसार दान -दक्षिणा कराएं। अगर इतने ब्राह्मण नहीं मिल रहे हैं, तो 1, 5 आदि ब्राह्मणों को भी बुला सकते हैं।

Pic Credit- Freepik

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