Marigold In Puja: पूजा में सबसे अधिक क्यों चढ़ाते हैं गेंदा के फूल? जानिए इसके लाभ
Marigold In Puja गेंदे के फूल देखने में जितने सुंदर लगते हैं उनकी धार्मिक महत्व भी उतना ही है। पूजा-पाठ या किसी मांगलिक कार्य में इसका प्रयोग विशेष रूप से किया जाता है। पूजा-अर्चना के समय देवी-देवताओं को गेंदा के फूल अर्पित किए जाए तो वह जल्दी प्रसन्न होते हैं। आइए जानते हैं कि गेंदे के फूल का क्या महत्व है।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Fri, 07 Jul 2023 11:43 AM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Marigold In Puja: भगवान की पूजा के समय उन्हें तरह-तरह के फूल चढ़ाए जाते हैं। इस सभी का अपना महत्व है। लेकिन आपने देखा होगा कि पूजा-पाठ में सबसे अधिक गेंदा के फूल चढ़ाए जाते हैं या फिर उनकी देवी- देवताओं को उनकी माला अर्पित की जाती है। क्या आप पूजा में गेंदा के फूल अर्पित करने का महत्व जानते हैं।
देवताओं का प्रिय रंग
हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, केसरिया व पीला रंग देवताओं को अति प्रिय है। यह दोनों ही रंग गेंदा के फूल में पाए जाते हैं। इसलिए पूजा के दौरान भगवान को गेंदा के फूल अर्पित किए जाते हैं। गेंदे का फूल भगवान विष्णु को सबसे अधिक प्रिय है। इसलिए भगवान विष्णु को रोजाना गेंदे का फूल या माला अर्पित करनी चाहिए। इससे आपको भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। श्री गणेश को भी विघ्न हरने हेतु प्रसन्न करने के लिए गेंदे के फूल को अर्पित करने की सलाह दी जाती है।
गेंदे का फूल इसका है प्रतीक
गेंदे के फूल का पीला या केसरिया रंग त्याग के लिए जाना जाता है। वहीं, दूसरी ओर यह रंग अग्नि जैसे प्रचंड व्यक्तित्व को भी दर्शाता है। गेंदे के फूल में बहुत से बीज होते हैं और हर एक बीज में अनेकों पंखुड़ियां होती हैं जो एकता को भी दर्शाती हैं।इस ग्रह से हैं संबंध
ज्योतिष शास्त्र की माने तो गेंदे के फूल का संबंध बृहस्पति ग्रह से होता है। गेंदे के फूल से बृहस्पति प्रसन्न होते हैं। ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह को ज्ञान और बुद्धि का कारक माना गया है। ऐसे में उनके प्रसन्न होने पर व्यक्ति को ज्ञान और विद्या का आशीर्वाद मिलता है।
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