Masik Karthigai 2024: मई में इस दिन मनाया जाएगा मासिक कार्तिगाई का पर्व, जानें पूजा विधि
सनातन धर्म में मासिक कार्तिगाई दीपम पर्व का विशेष महत्व है। इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। बड़ी संख्या में भक्त बाबा के दर्शन के लिए शिव मंदिर आते हैं। यह त्योहार तमिलनाडु श्रीलंका समेत विश्व के कई तमिल बहुल देशों में मनाया जाता है। इस बार मासिक कार्तिगाई दीपम का पर्व 08 मई को मनाया जाएगा।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Karthigai 2024: हर महीने में कृतिका नक्षत्र के दिन मासिक कार्तिगाई दीपम का त्योहार मनाया जाता है। इस बार वैशाख माह में मासिक कार्तिगाई दीपम का पर्व 08 मई को है। इस तिथि पर भगवान शिव, मां पार्वती और भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना की जाती है। यह पर्व तमिलनाडु, श्रीलंका समेत विश्व के कई तमिल बहुल देशों में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन प्रभु की पूजा करने से साधक को जीवन में शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख और समृद्धि का आगमन होता है। यदि आप भी महादेव, मां पार्वती और भगवान कार्तिकेय का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो मासिक कार्तिगाई दीपम पर भगवान की विशेष पूजा-अर्चना करें।
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मासिक कार्तिगाई दीपम पूजा विधि (Masik Karthigai Puja Vidhi)
मासिक कार्तिगाई दीपम के दिन सुबह उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें। इसके बाद स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। अब मंदिर की साफ-सफाई करें और सूर्य देव को जल अर्पित करें। चौकी पर कपड़ा बिछाकर महादेव, मां पार्वती और भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा विराजमान करें। इसके बाद पंचोपचार कर पूजा करें। भगवान शिव का अभिषेक दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत आदि से करें। घी का दीपक जलाकर आरती करें। साथ ही चालीसा और मंत्रों का भी जाप करें। इसके बाद प्रभु को फल, मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण कर खुद भी ग्रहण करें।
मासिक कार्तिगाई का महत्व (Masik Karthigai Significance)
सनातन धर्म में मासिक कार्तिगाई दीपम के त्योहार का बेहद खास महत्व है। इस अवसर पर मंदिरों में पूजा का विशेष आयोजन किया जाता है। मासिक कार्तिगाई दीपम के दिन भगवान शिव, मां पार्वती और भगवान कार्तिकेय की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से इंसान को जीवन के सभी पापों से छुटकारा मिलता है और शाम को दीपक जलाने से वास्तु दोष खत्म होता है।
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