Masik Shivratri 2023: इस दिन है 2023 की आखिरी मासिक शिवरात्रि, शिवलिंग पर भूलकर भी न अर्पित करें ये चीजें
Margashirsha Masik Shivratri प्रत्येक माह कृष्ण पक्ष को पड़ने वाली चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है। जो भक्त इस दिन पूरे श्रद्धा भाव से व्रत रखते हैं और भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं उन पर शंकर भगवान की विशेष कृपा बरसती है। लेकिन मासिक शिवरात्रि की पूजा के दौरान कई बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Wed, 06 Dec 2023 12:33 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Shivratri 2023 Vrat: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रत्येक माह की मासिक शिवरात्रि पर व्रत और भगवान शिव की आराधना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मासिक शिवरात्रि के दिन भक्त कई प्रकार की वस्तुएं शिवलिंग पर अर्पित करते हैं, लेकिन शास्त्रों में कुछ ऐसी चीजें बताई गई हैं जिन्हें भूलकर भी शिवलिंग पर अर्पित नहीं करना चाहिए। ऐसे में आइए जानते हैं कि किन चीजों को शिवलिंग पर अर्पित करने की मनाही है।
मार्गशीर्ष शिवरात्रि 2023 मुहूर्त (Margashirsha Shivratri 2023 Muhurat)
मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारम्भ 11 दिसंबर सुबह 07 बजकर 10 मिनट पर हो रहा है। साथ ही इसका समापन 12 दिसंबर सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर होगा। ऐसे में मासिक शिवरात्रि 11 दिसंबर को मनाई जाएगी। इस दौरान पूजा का शुभ मुर्हूत मध्य रात्रि 11 बजकर 47 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।
न अर्पित करें ये चीजें
शिवलिंग पर तुलसी दल नहीं चढ़ाया जाता। ऐसे में भूलकर भी मासिक शिवरात्रि के दिन शिव जी को तुलसी दल अर्पित न करें और पंचामृत में भी तुलसी का भोग न लगाएं। मासिक शिवरात्र के दिन शिव जी को तिल भी अर्पित नहीं किए जाते। नारियल जल से भी शिवलिंग का अभिषेक करना शुभ नहीं माना जाता।यह भी पढ़ें - Masik Shivratri 2023: मासिक शिवरात्रि पर राशि अनुसार करें ये चमत्कारी उपाय, चंद दिनों में घर बजेगी शहनाई
मासिक शिवरात्रि पर करें ये काम
मासिक शिवरात्रि की पूजा निशिता काल यानी मध्य रात्रि में करना शुभ माना जाता है। इसलिए पूजा से पहले स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इस विशेष दिन भगवान शिव का दूध या गंगाजल से अभिषेक करें। साथ ही शिवलिंग पर धतूरा, बेलपत्र, दही, चंदन आदि भी अर्पित करें। मासिक शिवरात्रि के दिन शिव चालीसा और शिव मंत्रों का जाप भी जरूर करें। इससे साधक को महादेव की कृपा प्राप्त होती है।WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करेंडिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'