Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि के दिन करें भगवान शिव के इन नामों का जप, सभी संकट होंगे दूर
पंचाग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2024 2024) का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में उपासना करने से जातक के विवाह में आ रही बाधा से छुटकारा मिलता है और महादेव प्रसन्न होते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में मासिक शिवरात्रि को अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मत है कि इस दिन पूजा-पाठ करने से जातक को रोग-दोष और गृह क्लेश से मुक्ति मिलती है। अगर आप भी महादेव की कृपा प्राप्त प्राप्त चाहते हैं, तो मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2024) की पूजा के दौरान भगवान शिव के 108 नामों का जप करें। इससे सभी संकट दूर होंगे और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।
मासिक शिवरात्रि 2024 डेट और टाइम
पंचाग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 30 अक्टूबर को दोपहर में 01 बजकर 15 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 31 अक्टूबर को दोपहर में 03 बजकर 52 मिनट पर होगा। ऐसे में मासिक शिवरात्रि का पर्व 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
भगवान शिव के 108 नाम (Lord Shiva 108 Naam)
1. ॐ महाकाल नमः2. ॐ भीमेश्वर नमः3. ॐ विषधारी नमः
4. ॐ बम भोले नमः5. ॐ विश्वनाथ नमः6. ॐ अनादिदेव नमः7. ॐ उमापति नमः8. ॐ गोरापति नमः9. ॐ गणपिता नमः10. ॐ ओंकार स्वामी नमः11. ॐ ओंकारेश्वर नमः12. ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
13. ॐ भोले बाबा नमः14. ॐ शिवजी नमः15. ॐ रुद्रनाथ नमः16. ॐ भीमशंकर नमः17. ॐ नटराज नमः18. ॐ प्रलेयन्कार नमः19. ॐ चंद्रमोली नमः20. ॐ डमरूधारी नमः21. ॐ चंद्रधारी नमः22. ॐ दक्षेश्वर नमः23. ॐ घ्रेनश्वर नमः24. ॐ मणिमहेश नमः
25. ॐ अनादी नमः26. ॐ अमर नमःयह भी पढ़ें: Kartik Month 2024: कार्तिक माह में जरूर करें यह काम, मिलेगी मुरलीधर की कृपा27. ॐ आशुतोष महाराज नमः28. ॐ विलवकेश्वर नमः29. ॐ भोलेनाथ नमः30. ॐ कैलाश पति नमः
31. ॐ भूतनाथ नमः32. ॐ नंदराज नमः33. ॐ नन्दी की सवारी नमः34. ॐ ज्योतिलिंग नमः35. ॐ मलिकार्जुन नमः36. ॐ शम्भु नमः37. ॐ नीलकंठ नमः38. ॐ महाकालेश्वर नमः39. ॐ त्रिपुरारी नमः40. ॐ त्रिलोकनाथ नमः41. ॐ त्रिनेत्रधारी नमः42. ॐ बर्फानी बाबा नमः43. ॐ लंकेश्वर नमः44. ॐ अमरनाथ नमः45. ॐ केदारनाथ नमः
46. ॐ मंगलेश्वर नमः47. ॐ अर्धनारीश्वर नमः48. ॐ नागार्जुन नमः49. ॐ जटाधारी नमः50. ॐ नीलेश्वर नमः51. ॐ जगतपिता नमः52. ॐ मृत्युन्जन नमः53. ॐ नागधारी नमः54. ॐ रामेश्वर नमः55. ॐ गलसर्पमाला नमः56. ॐ दीनानाथ नमः57. ॐ सोमनाथ नमः58. ॐ जोगी नमः59. ॐ भंडारी बाबा नमः60. ॐ बमलेहरी नमः61. ॐ गोरीशंकर नमः
62. ॐ शिवाकांत नमः63. ॐ महेश्वराए नमः64. ॐ महेश नमः65. ॐ संकटहारी नमः66. ॐ महेश्वर नमः67. ॐ रुंडमालाधारी नमः68. ॐ जगपालनकर्ता नमः69. ॐ पशुपति नमः70. ॐ संगमेश्वर नमः71. ॐ अचलेश्वर नमः72. ॐ ओलोकानाथ नमः73. ॐ आदिनाथ न74. ॐ देवदेवेश्वर नमः75. ॐ प्राणनाथ नमः76. ॐ शिवम् नमः77. ॐ महादानी नमः
78. ॐ शिवदानी नमः79. ॐ अभयंकर नमः80. ॐ पातालेश्वर नमः81. ॐ धूधेश्वर नमः82. ॐ सर्पधारी नमः83. ॐ त्रिलोकिनरेश नमः84. ॐ हठ योगी नमः85. ॐ विश्लेश्वर नमः86. ॐ नागाधिराज नमः87. ॐ सर्वेश्वर नमः88. ॐ उमाकांत नमः89. ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः90. ॐ त्रिकालदर्शी नमः91. ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः92. ॐ महादेव नमः
93. ॐ गढ़शंकर नमः94. ॐ मुक्तेश्वर नमः95. ॐ नटेषर नमः96. ॐ गिरजापति नमः97. ॐ भद्रेश्वर नमः98. ॐ त्रिपुनाशक नमः99. ॐ निर्जेश्वर नमः100. ॐ किरातेश्वर नमः101. ॐ जागेश्वर नमः102. ॐ अबधूतपति नमः103. ॐ भीलपति नमः104. ॐ जितनाथ नमः105. ॐ वृषेश्वर नमः106. ॐ भूतेश्वर नमः107. ॐ बैजूनाथ नमः
108. ॐ नागेश्वर नमःयह भी पढ़ें: Kartik Maas 2024: कार्तिक मास में दीपक जलाने का है विशेष महत्व, जानें इसके पूजा नियम
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