Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि पर करें इन मंत्रों का जाप, सभी कष्टों से मिलेगी मुक्ति
मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2024) देवों के देव महादेव को समर्पित है। हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार वैशाख माह में मासिक शिवरात्रि 06 मई को मनाई जाएगी। अगर आप इस खास अवसर पर प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो पूजा के दौरान भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें ।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Lord Shiva Mantra: वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा और व्रत करने से महादेव प्रसन्न होते हैं और साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इस बार मासिक शिवरात्रि 06 मई को है। अगर आप इस खास अवसर पर प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो पूजा के दौरान भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें । इससे साधक को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। आइए, मंत्र जाप करते हैं-
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शिव नमस्कार मंत्रशम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।
ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।शिव नामावली मंत्रश्री शिवाय नम:श्री शंकराय नम:श्री महेश्वराय नम:श्री सांबसदाशिवाय नम:श्री रुद्राय नम:
ॐ पार्वतीपतये नम:ॐ नमो नीलकण्ठाय नम:शिव आवाहन मंत्रॐ मृत्युंजय परेशान जगदाभयनाशन ।तव ध्यानेन देवेश मृत्युप्राप्नोति जीवती ।।वन्दे ईशान देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने ।नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने ।आदिमध्यांत रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।त्र्यंबकाय नमस्तुभ्यं पंचस्याय नमोनमः ।नमोब्रह्मेन्द्र रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।
नमो दोर्दण्डचापाय मम मृत्युम् विनाशय ।।देवं मृत्युविनाशनं भयहरं साम्राज्य मुक्ति प्रदम् ।नमोर्धेन्दु स्वरूपाय नमो दिग्वसनाय च ।नमो भक्तार्ति हन्त्रे च मम मृत्युं विनाशय ।।अज्ञानान्धकनाशनं शुभकरं विध्यासु सौख्य प्रदम् ।नाना भूतगणान्वितं दिवि पदैः देवैः सदा सेवितम् ।।सर्व सर्वपति महेश्वर हरं मृत्युंजय भावये ।।शिव स्तुति मंत्र
ॐ नमो हिरण्यबाहवे हिरण्यवर्णाय हिरण्यरूपाय हिरण्यपतएअंबिका पतए उमा पतए पशूपतए नमो नमःईशान सर्वविद्यानाम् ईश्वर सर्व भूतानाम्ब्रह्मादीपते ब्रह्मनोदिपते ब्रह्मा शिवो अस्तु सदा शिवोहमतत्पुरुषाय विद्महे वागविशुद्धाय धिमहे तन्नो शिव प्रचोदयात्महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धिमहे तन्नों शिव प्रचोदयात्नमस्ते अस्तु भगवान विश्वेश्वराय महादेवाय त्र्यंबकाय त्रिपुरान्तकाय त्रिकाग्नी कालाय कालाग्नी
रुद्राय नीलकंठाय मृत्युंजयाय सर्वेश्वराय सदशिवाय श्रीमान महादेवाय नमःयह भी पढ़ें: Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि पर 'भद्रावास' योग का हो रहा है निर्माण, प्राप्त होगा महादेव का आशीर्वाद
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