Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की ऐसे करें पूजा, शुभ फल की होगी प्राप्ति
हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार पौष माह में मासिक शिवरात्रि 9 जनवरी को है। मासिक शिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव की पूजा-व्रत करने से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है और परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि देवों के देव महादेव को समर्पित है। हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस बार पौष माह में मासिक शिवरात्रि 9 जनवरी को मनाई जाएगी। मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करने का विधान है। धार्मिक मत है कि इस दिन भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करने से व्रत सफल होता है और भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं। साथ ही साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। तो चलिए इस लेख में हम आपको बताएंगे कि मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पूजा सामग्री लिस्ट के बारे में।
मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 09 जनवरी को देर रात 10 बजकर 24 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 10 जनवरी को संध्याकाल 08 बजकर 10 मिनट पर तिथि का समापन होगा। शिवरात्रि तिथि पर भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा निशा काल में करने का विधान है। इस बार 09 जनवरी को पौष महीने की मासिक शिवरात्रि मनाई है।यह भी पढ़ें: Vinayak Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी के दिन न करें ये गलतियां, वरना जीवन में मिलेंगे बुरे परिणाम
मासिक शिवरात्रि पूजा सामग्री लिस्ट
गंगाजल या साफ जलशहददहीदेसी घीधतूराफूलबेल पत्रचंदनरोलीदीपकमासिक शिवरात्रि पूजा विधि
- मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह उठकर दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के बाद स्नान करें।
- इसके बाद मंदिर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें।
- अब सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें।
- एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति स्थापित करें।
- शहद, गंगाजल, दूध, जल और दही से शिवलिंग का अभिषेक करें।
- अब भगवान शिव को भांग, सफेद रंग के फूल और अक्षत आदि अर्पित करें।
- इसके बाद विधिपूर्वक भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करें।
- शिव चालीसा और मंत्रों का जाप करें।
- आरती कर प्रसाद का वितरण करें।