Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि पर भगवान शंकर को ऐसे करें प्रसन्न, जीवन में नहीं आएंगी दिक्कतें
हर माह में मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने का विधान है। इससे साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में यदि आप मासिक शिवरात्रि के खास मौके पर विशेष पूजा विधान से महादेव की कृपा के पात्र बन सकते हैं। आइए जानते हैं मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Shivratri 2024 Date: हर माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। कई साधक इस दिन शिव जी की पूजा-अर्चना और व्रत आदि करते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से साधक को महादेव की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि मासिक शिवरात्रि पर शिव जी को प्रसन्न करने के उपाय।
मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri Puja Muhurat)
चैत्र माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 07 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 53 मिनट पर होगा। वहीं, यह तिथि 08 अप्रैल प्रातः 03 बजकर 21 मिनट तक रहने वाली है। मासिक शिवरात्रि में भगवान शिव की पूजा रात्रि में करने का विधान है। ऐसे में मासिक शिवरात्रि का व्रत 07 अप्रैल, रविवार के दिन रखा जाएगा। इस दौरान पूजा का शुभ मुहूर्त - रात्रि 12 बजे से 12 बजकर 45 मिनट तक रहने वाला है।
मासिक शिवरात्रि पूजा विधि (Masik Shivratri Puja Vidhi)
मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त उठें और महादेव और मां पार्वती के ध्यान से करें। इसके बाद स्नान करक साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। अब और सूर्य देव को जल अर्पित करने के बाद भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करें। पूजा के दौरान शिव जी का कच्चा दूध, गंगाजल और जल से अभिषेक करें। इसके पश्चात शिव जी पर बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि के साथ-साथ काले तिल और चंदिन भी अर्पित करें।
इससे शिव जी जल्दी प्रसन्न होते हैं। अब घी का दीपक जलाएं और भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें। आरती करने के बाद भोग लगाएं और अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण करें। संध्याकाल में पुनः विधि-विधान से भगवान शिव और पार्वती की पूजा करें और फलाहार कर अपना उपवास खोलें।
करें इन मंत्रों का जाप
- ओम नम:शिवाय.
- शंकराय नमः
- ॐ महादेवाय नमः.
- ॐ महेश्वराय नमः.
- ॐ श्री रुद्राय नमः.
- ॐ नील कंठाय नमः.
- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्. उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'