Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि पर करें इस स्तोत्र का पाठ, शिव जी की कृपा से चमक उठेगी किस्मत
हर माह में कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से साधक को जीवन में अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इसके साथ ही आप शिव जी की पूजा में शिव तांडव स्तोत्र का पाठ कर शिव जी की कृपा के पात्र बन सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मासिक शिवरात्रि, भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए एक उत्तम तिथि मानी गई है। इस दिन शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। वहीं शिव तांडव स्तोत्र को भी एक एक शक्तिशाली स्तोत्र माना जाता है, जिसके जाप से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। ऐसे में आप मासिक शिवरात्रि की पूजा में इसका पाठ कर सकते हैं।
आश्विन शिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri Puja Muhurat)
आश्विन माह के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि का आरंभ 30 सितंबर 2024, प्रातः 06 बजकर 36 मिनट पर हो रहा है। साथ ही इस तिथि का समापन 01 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 09 मिनट पर होगा। ऐसे में आश्विन माह की मासिक शिवरात्रि का व्रत सोमवार, 30 सितंबर को रखा जाएगा। मासिक शिवरात्रि की पूजा रात्रि में की जाती है। इसलिए इस दिन शिव जी की पूजा का मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा -
आश्विन मासिक शिवरात्रि पूजा मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 52 से 12 बजकर 40 मिनट तक
शिव तांडव स्तोत्रम्
॥ श्रीगणेशाय नमः ॥
जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थलेगलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् ।
डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयंचकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥१॥जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरीविलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि ।
धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावकेकिशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ॥२॥धराधरेन्द्रनंदिनीविलासबन्धुबन्धुरस्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे ।कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदिक्वचिद्दिगम्बरे(क्वचिच्चिदम्बरे) मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥३॥जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभाकदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे ।मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे
मनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ॥४॥सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखरप्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः ।भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटकश्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः ॥५॥ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जयस्फुलिङ्गभानिपीतपञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम् ।सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरंमहाकपालिसम्पदेशिरोजटालमस्तु नः ॥६॥करालभालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल
द्धनञ्जयाहुतीकृतप्रचण्डपञ्चसायके ।धराधरेन्द्रनन्दिनीकुचाग्रचित्रपत्रकप्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम ॥७॥नवीनमेघमण्डली निरुद्धदुर्धरस्फुरत्कुहूनिशीथिनीतमः प्रबन्धबद्धकन्धरः ।निलिम्पनिर्झरीधरस्तनोतु कृत्तिसिन्धुरःकलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरंधरः ॥८॥
प्रफुल्लनीलपङ्कजप्रपञ्चकालिमप्रभावलम्बिकण्ठकन्दलीरुचिप्रबद्धकन्धरम् ।स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदंगजच्छिदांधकच्छिदं तमन्तकच्छिदं भजे ॥९॥अगर्व सर्वमङ्गलाकलाकदम्बमञ्जरीरसप्रवाहमाधुरी विजृम्भणामधुव्रतम् ।स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकंगजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे ॥१०॥जयत्वदभ्रविभ्रमभ्रमद्भुजङ्गमश्वस
द्विनिर्गमत्क्रमस्फुरत्करालभालहव्यवाट् ।धिमिद्धिमिद्धिमिध्वनन्मृदङ्गतुङ्गमङ्गलध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्डताण्डवः शिवः ॥११॥यह भी पढ़ें - Ashwin Month 2024: आश्विन माह के इन उपायों से जीवन के दुखों को करें दूर, प्राप्त होगी मां दुर्गा की कृपा
दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्गमौक्तिकस्रजोर्गरिष्ठरत्नलोष्ठयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः ।तृणारविन्दचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोःसमं प्रव्रितिक: कदा सदाशिवं भजाम्यहम ॥१२॥कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुञ्जकोटरे वसन्विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरः स्थमञ्जलिं वहन् ।विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकःशिवेति मंत्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम् ॥१३॥निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका-
निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः ।तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनींमहनिशंपरिश्रय परं पदं तदङ्गजत्विषां चयः ॥१४॥प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणीमहाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना ।विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिःशिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम् ॥१५॥इमं हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवंपठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम् ।
हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथा गतिंविमोहनं हि देहिनां सुशङ्करस्य चिंतनम् ॥१६॥पूजावसानसमये दशवक्त्रगीतंयः शम्भुपूजनपरं पठति प्रदोषे ।तस्य स्थिरां रथगजेन्द्रतुरङ्गयुक्तांलक्ष्मीं सदैव सुमुखिं प्रददाति शम्भुः ॥१७॥इति श्रीरावण कृतम्
शिव ताण्डव स्तोत्रम्स म्पूर्णम्।यह भी पढ़ें - Masik Shivratri 2024: आश्विन माह में कब है मासिक शिवरात्रि? नोट करें शुभ मुहूर्त, महत्व एवं योगअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।