Mattu Pongal 2023: मट्टू पोंगल के नाम से प्रसिद्ध है तीसरा दिन, जानिए इन पर्व की खासियत और महत्व
Mattu Pongal 2023 पोंगल के तीसरे दिन को मट्टू पोंगल के नाम से जानते हैं। इस दिन कृषि संबंधी पशि जैसे बैल सांड गाय आदि की विधिवत पूजा करने का विधान है। इसके साथ ही जलीकट्टू (बैलों की दौड़) का आयोजन किया जाता है।
By Shivani SinghEdited By: Shivani SinghUpdated: Tue, 17 Jan 2023 08:56 AM (IST)
नई दिल्ली, Mattu Pongal 2023: देशभर में 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया गया। वहीं, दक्षिण भारत में मकर संक्रांति के साथ चार दिवसीय पोंगल का पर्व शुरू होता है। 15 जनवरी से शुरू हुआ पोंगल का पर्व 18 जनवरी को समाप्त होगा। पोंगल के तीसरे दिन को मट्टू पोंगल के नाम से जानते हैं। जानिए पोंगल के तीसरे दिन में क्या-क्या होता है और इसका महत्व।
चार दिनों तक चलने वाले पोंगल के पहले दिन को भोगी पोंगल, दूसरे को थाई पोंगल, तीसरे दिन मट्टू पोंगल और चौथे दिन को कन्नम पोंगल के नाम से जानते हैं।
तीसरा दिन- मट्टू पोंगल
पोंगल के तीसरे दिन को मट्टू पोंगल के नाम से जानते हैं। इस दिन कृषि में उपयोग आने वाले पशुओं की पूजा की जाती है। पशुओं में सबसे महत्वपूर्ण बैल माना जाता है। इस दिन किसान बैल की विधिवत पूजा करते हैं। क्योंकि इन्ही के कारण अन्न उत्पन्न होते है।कैसे मनाते हैं मट्टू पोंगल
मट्टू पोंगल के दिन बैलों को स्नान आदि कराकर सजाया जाता है। उनकी सींगों में तेल लगाया जाता है। इसके साथ ही गले में खूबसूरत घंटी के साथ सुंदर वस्त्र पहनाएं जाते हैं। इसके बाद विधिवत पूजा अर्चना करने के साथ फूल-माला पहनाएं जाते हैं। इसके साथ ही बैल को चावल, हल्दी, अदरक, गन्ने आदि खाने को दिए जाते हैं। बैल के अलावा गाय और बछड़े की पूजा की जाती है। इसके साथ ही घर के मुख्य द्वार में महिलाएं रंगोली बनाती हैं।
पोंगल की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान शिव ने अपने बैल बिसवा को धरती में एक संदेश देने के लिए भेजा कि सभी लोग स्नान करने के बाद ही भोजन करें। लेकिन बैल से भूलवश सभी से कह दिया कि सभी पृथ्वीलोक के लोग एक बार ही भोजन करें। इस बात का पता जब शिव जी को पता चली, तो वह काफी क्रोधित हुए और बिसवा को शाम देते हुए कहा कि जाओ पृथ्वी लोग और वहां जाकर मनुष्यों की मदद करो। ऐसा माना जाता है कि बिसवा पृथ्वी में रहकर कृषि कार्य में मनुष्य की मदद करने लगे।डिसक्लेमर-'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'