Nag Panchami 2022: नागपंचमी आज, बस इतनी देर ही रहेगा नाग देवता की पूजा का मुहूर्त, जानें शुभ योग और महत्व भी
Nag Panchami 2022 Muhurat हिंदू पंचांग के अनुसार सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की विधिवत पूजा करने से कालसर्प दोष और राहु-केतु से छुटकारा मिल जाता है।
By Shivani SinghEdited By: Updated: Tue, 02 Aug 2022 07:39 AM (IST)
नई दिल्ली, Nag Panchami 2022: नागपंचमी के दिन महादेव संग नागों की उपासना से जीवन के सभी दोष-पापों का नाश हो जाता है। इस बार की नागपंचमी का पर्व कई शुभ योग के साथ मनाया जा रहा है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा करने के साथ सांपों की पूजा विधिवत करती है। नाग पंचमी का दिन काफी खास है। क्योंकि इस दिन मंगला गौरी व्रत भी पड़ रहा है। इसलिए नाग पंचमी के दिन भगवान शिव, नाग देवता के साथ-साथ माता पार्वती की पूजा करने का विशेष लाभ मिलेगा। मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की विधिवत पूजा करने से कालसर्प दोष से छुटकारा मिल जाता है। जानिए नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
Nag Panchami 2022: कुंडली में है कालसर्प दोष, तो नाग पंचमी के दिन करें ये उपाय
नाग पंचमी 2022 शुभ मुहूर्त
सावन के शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि प्रारंभ - 2 अगस्त को सुबह 5 बजकर 13 मिनट से शुरू
सावन के शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि समाप्त - 3 अगस्त को सुबह 05 बजकर 41 मिनट तक
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 43 मिनट से 08 बजकर 25 मिनट तकपूजा की अवधि - 02 घंटे 42 मिनटशिव योग- 2 अगस्त को शाम 06 बजकर 38 मिनट तकNag Panchami 2022: नाग पंचमी के दिन भूलकर भी न करें ये काम, पड़ेगा अशुभ असर
नाग पंचमी पर करें इन 12 नागों की पूजा
हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार इन बारह नागों की पूजा का विशेष रूप से महत्व माना जाता है। इन नागों के नाम इस प्रकार हैं अनंत, वासुकी, शेष, पद्म, कम्बल, कर्कोटक, अश्वतर, धृतराष्ट्र, शङ्खपाल, कालिया, तक्षक और पिङ्गल नाग हैं।नाग पचंमी पूजा विधि
- नाग पंचमी के ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें।
- नाग पंचमी के दिन तांबे के लोटे से नाग देवता की मूर्ति को दूध और जल चढ़ाना चाहिए।
- अगर आप चाहे तो चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा मंदिर में रखकर उसका पूजन कर सकते हैं।
- गाय के दूध से स्नान कराएं।
- इसके बाद मूर्ति में गंध, धूप, पुष्प अर्पित करें।
- हल्दी. चावल, रोली और फूल अर्पित करें।
- मिठाई का भोग लगाएं।
- दीपक और धूप जलाकर नाग देवता की आरती कर लें।
- अंत में नाग पंचमी की कथा का पाठ कर लें।