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Shardiya Navratri 2024: नवरात्र के तीसरे दिन 'रवि' योग समेत बन रहे हैं ये 5 संयोग, बनेंगे सारे बिगड़े काम

धार्मिक मत है कि जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुखों का अंत होता है। साधक नवरात्र के तीसरे दिन (Navratri 2024 Day 3) भक्ति भाव से जगत जननी मां चंद्रघंटा की पूजा करते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 04 Oct 2024 06:00 PM (IST)
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Maa Chandraghanta: मां चंद्रघंटा को कैसे प्रसन्न करें ?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ शक्ति स्वरूपों की पूजा की जाती है। इसी क्रम में नवरात्र के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही मां चंद्रघंटा के निमित्त तीसरे दिन का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मत है कि मां चंद्रघंटा की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों की मानें तो नवरात्र के तीसरे दिन रवि योग समेत कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में मां चंद्रघंटा (Navratri 2024 Day 3 Ravi Yog) की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होगी। आइए, शुभ योग और मुहूर्त जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्र की तृतीया तिथि 05 अक्टूबर को पूर्ण रात्रि तक है। इस दौरान मां चंद्रघंटा की भक्ति भाव से पूजा की जाएगी। साधक अपनी सुविधा के अनुसार मां चंद्रघंटा की पूजा-उपासना कर सकते हैं।

शिववास योग (Navratri 2024 Shivvas Yog)

शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इनमें सबसे पहले सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 06 बजकर 16 मिनट से हो रहा है। वहीं, इसका समापन संध्याकाल 09 बजकर 33 मिनट पर हो रहा है। वहीं, संध्याकाल 09 बजकर 33 मिनट से रवि योग का निर्माण हो रहा है, जो पूर्ण रात्रि तक है। इस योग का समापन 06 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 17 मिनट पर हो रहा है। इन योग में मां चंद्रघंटा की उपासना करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।  

करण

शारदीय नवरात्र की तृतीया तिथि पर तैतिल और गर करण का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष तैतिल और गर करण को शुभ कार्यों का श्रीगणेश करने के लिए उत्तम मानते हैं। इस शुभ दिन पर स्वाति और विशाखा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इन योग में साधना करने से साधक पर मां चंद्रघंटा की कृपा अवश्य बरसेगी।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 16 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 02 मिनट पर

चन्द्रोदय- सुबह 08 बजकर 19 मिनट पर  

चन्द्रास्त - शाम 07 बजकर 18 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 38 मिनट से 05 बजकर 27 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 07 मिनट से 02 बजकर 54 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 02 मिनट से 06 बजकर 27 बजे तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक

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डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।