Nirjala Ekadashi 2023: सभी एकादशी व्रतों में निर्जला एकादशी है सर्वश्रेष्ठ, जानिए तिथि और शुभ मुहूर्त
Nirjala Ekadashi 2023 ज्योतिष पंचांग में बताया गया है ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन निर्जला एकादशी व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की उपासना करने से जीवन में आ रही परेशानी दूर हो जाती है।
By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Wed, 31 May 2023 10:46 AM (IST)
नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Nirjala Ekadashi 2023: हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि सभी 24 एकादशी व्रतों में निर्जला एकादशी व्रत को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति निर्जला एकादशी व्रत रखता है, उसे सभी 24 एकादशी व्रतों का फल प्राप्त हो जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना करने से और निर्जला उपवास रखने से विशेष लाभ मिलता है और जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। आइए जानते हैं, किस दिन रखा जाएगा निर्जला एकादशी व्रत, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
निर्जला एकादशी 2023 तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि 30 मई 2023 दोपहर 01 बजकर 07 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 31 मई 2023 दोपहर 01 बजकर 45 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में निर्जला एकादशी आज है। इस विशेष दिन पर सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है, जो सुबह 05 बजकर 24 से सुबह 6 बजे तक रहेगा।
निर्जला एकादशी 2023 व्रत पारण समय
पंचांग बताया गया है कि एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के दिन अर्थात 1 जून को सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 08 बजकर 10 मिनट के बीच किया जा सकेगा।निर्जला एकादशी व्रत पूजा विधि
एकादशी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और पूजा स्थल को साफ करें। उसके बाद भगवान विष्णु के सामने एक दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लें। फिर एक चौकी पर थोड़ा सा गंगाजल छिड़क दें और पीले रंग के वस्त्र पर भगवान विष्णु की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद गंध, पुष्प, धूप, दीप इत्यादि से भगवान विष्णु की पूजा करें और पीले फल या मिठाई का भोग अर्पित करें। इस दिन विष्णु चालीसा और एकादशी व्रत कथा का पाठ अवश्य करें। अंत में भगवान विष्णु की आरती के साथ पूजा संपन्न करें।
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