Nirjala Ekadashi 2023 Vrat Katha: निर्जला एकादशी व्रत का फल पाने के लिए जरूर करें, भीमसेनी एकादशी कथा का पाठ
Nirjala Ekadashi 2023 हिंदू धर्म में निर्जला एकादशी को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार निर्जला उपवास रखने से और भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं।
By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Wed, 31 May 2023 05:00 AM (IST)
नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Nirjala Ekadashi 2023 Vrat Katha: प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन निर्जला एकादशी व्रत रखा जाता है। यह व्रत आमतौर पर मई या जून महीने में रखा जाता है। हिंदू धर्म में इस व्रत का विशेष महत्व है, साथ ही निर्जला एकादशी व्रत की गणना कठोर व्रत में की जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन साधक बिना अन्न और जल ग्रहण किए एकादशी व्रत का पालन करते हैं। ज्योतिष पंचांग के अनुसार, इस वर्ष निर्जला एकादशी व्रत आज यानी 31 में 2023, गुरुवार के दिन रखा जा रहा है। इस व्रत को भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस व्रत का संबंध गदाधारी भीम के जीवन से भी जुड़ता है। आइए जानते हैं, निर्जला एकादशी व्रत की कथा और मुहूर्त।
निर्जला एकादशी व्रत को क्यों कहा जाता है भीमसेनी एकादशी? (Nirjala Ekadashi 2023 Katha)
निर्जला एकादशी को पांडव एकादशी या भीमसेनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। पौराणिक किंवदंतियों के अनुसार, पांडवों में सबसे बलशाली भीमसेन स्वादिष्ट भोजन के बहुत बड़े शौकीन थे। उनसे अपनी भूख बर्दाश्त नहीं होती थी, इसी कारण से वह साल में एक भी एकादशी व्रत नहीं रख पाते थे। वहीं पांडवों में भीम के अलावा सभी भाई और द्रौपदी साल के सभी एकादशी व्रत श्रद्धा भाव से किया करते थे। एक समय ऐसा आया, जब भीम अपनी इस लाचारी और कमजोरी से परेशान हो गए। उन्हें यह लगता था कि वह एकादशी व्रत न रखकर भगवान विष्णु का अपमान कर रहे हैं। इस परेशानी की युक्ति ढूंढने के लिए वह महर्षि व्यास के पास पहुंच गए। तब महर्षि व्यास ने उन्हें कहा कि वह साल में एक बार निर्जला एकादशी व्रत जरूर करें। साथी यह भी कहा कि निर्जला एकादशी व्रत रखने से व्यक्ति को सभी 24 एकादशी व्रतों का फल प्राप्त होता है। यही कारण है कि निर्जला एकादशी व्रत को भीमसेनी एकादशी व्रत के नाम से जाना जाता है।
निर्जला एकादशी व्रत 2023 शुभ मुहूर्त (Nirjala Ekadashi 2023 Shubh Muhurat and Vrat Paran Time)
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभारंभ कल अर्थात 30 मई को दोपहर 01 बजकर 07 मिनट पर हो गया है। वहीं इस तिथि का समापन 31 मई 2023 दोपहर 01 बजकर 45 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में निर्जला एकादशी व्रत आज यानी 31 मई 2023, बुधवार के दिन रखा जा रहा है। इसके साथ आज सुबह 05 बजकर 24 मिनट से 06 बजे के बीच सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है। बता दें कि एकादशी व्रत का पारण 01 जून को सुबह 05 बजकर 24 मिनट से सुबह 08 बजकर 10 मिनट के बीच किया जा सकेगा।डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।