Move to Jagran APP

हर मंगलवार को करें Panchmukhi Hanuman की पूजा, आपके जीवन में होंगे ये 5 बड़े बदलाव

Panchmukhi Hanuman पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मंगलवार के दिन पंचमुखी हनुमान जी की आराधना करने से वे भक्तों की 5 तरह की समस्याओं का निराकरण करते हैं।

By kartikey.tiwariEdited By: Updated: Tue, 25 Jun 2019 09:34 AM (IST)
Hero Image
हर मंगलवार को करें Panchmukhi Hanuman की पूजा, आपके जीवन में होंगे ये 5 बड़े बदलाव
Panchmukhi Hanuman: सभी संकटों का नाश करने वाले और बल-बुद्धि के दाता संकटमोचन हनुमान जी ने पंचमुखी अवतार विशेष प्रयोजन से लिया था। रावण के साथ युद्ध में अपने प्रभु श्रीराम तथा उनकी सेना को संकट से उबारने के लिए हनुमान जी ने यह विकराल अवतार लिया।

रावण के भाई अहिरावण ने श्रीराम, लक्ष्मण और उनकी सेना को अपनी माया से निद्रा में डालकर पाताल लोक ले गया था, तब हनुमान जी ने पंचमुखी अवतार धारण कर अहिरावण का वध किया। इसके पश्चात श्रीराम और उनकी सेना अहिरावण के बंधन से मुक्त हुई थी।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मंगलवार के दिन पंचमुखी हनुमान जी की आराधना करने से वे भक्तों की 5 तरह की समस्याओं का निराकरण करते हैं। उनके हर मुख का एक अलग महत्व है। पहला मुख वानर का, दूसरा गरूड़ का, तीसरा वराह का, चौथा अश्व का और पांचवां नृसिंह का है। आइए जानते हैं उनके पांच मुख के महत्व के बारे में—

पांच मुंह का महत्व

वानर मुख से दुश्मनों पर जीत हासिल होती है। गरुड़ मुख से जीवन की सभी परेशानियां और संकट दूर होते हैं। वराह मुख से उम्र बढ़ती है, प्रसिद्धि मिलती है और अपार शक्ति का संचार होता है। नृसिंह मुख से भय और तनाव खत्म होता है। लोगों की सभी मनोकामनाएं अश्व मुख से पूरी होती हैं।

पंचमुखी हनुमान की पूजा विधि

सर्वप्रथम हमें अपने घर में पंचमुखी हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर लानी होगी या फिर हम पंचमुखी हनुमान जी के मंदिर जाएं। मंगलवार के दिन सूर्योदय से पूर्व दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

मंगलवार विशेष: हनुमान जी को इस वजह से चढ़ाते हैं सिन्दूर, जानिए यह रोचक कथा

हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए करें मंगलवार व्रत, ये काम करना न भूलें

इसके पश्चात यदि आपको मंदिर जाना है तो वहां जाएं या फिर अपने पूजा घर में चौकी पर आसन लगाकर बैठ जाएं। ध्यान रहे कि आपका मुख दक्षिण की ओर रहे। हनुमान जी को जल और पंचामृत से स्नान कराएं। लाल गुलाब या फिर लाल फूल चढ़ाएं। इसके पश्चात सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।

पंचमुखी हनुमान जी को गुड़ व चने का भोग लगाएं। फिर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। इस दिन हनुमान जी को लाल लंगोट भी अर्पित किया जाता है।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप