Pithori Amavasya 2019: 30 अगस्त को है पिठौरी अमावस्या, जानें व्रत, पूजा विधि और महत्व
Pithori Amavasya 2019 हिन्दू कैलेंडर के भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पिठौरी अमावस्या कहा जाता है। इस वर्ष अमावस्या 30 अगस्त दिन शुक्रवार को पड़ रही है।
By kartikey.tiwariEdited By: Updated: Thu, 29 Aug 2019 01:01 PM (IST)
Pithori Amavasya 2019: हिन्दू कैलेंडर के भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पिठौरी अमावस्या कहा जाता है। इस वर्ष अमावस्या 30 अगस्त दिन शुक्रवार को पड़ रही है। देश के उत्तरी हिस्से में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को कुशोत्पाटिनी अमावस्या कहा जाता है।
पिठौरी अमावस्या के दिन गंगा स्नान, पूजा-पाठ के साथ पितरों के तर्पण और श्राद्ध का खास महत्व होता है। इसके अलावा पिठौरी अमावस्या को देवी दुर्गा की भी पूजा का महत्व है। महिलाएं अपनी संतान की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए माता दुर्गा की पूजा करती हैं।पिठौरी अमावस्या का महत्व
पिठौरी अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने से व्यक्ति के जीवन में सुख- समृद्धि आती है। इसके अलावा इस दिन माता दुर्गा की विधि विधान से पूजा करने और व्रत रखने से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है।व्रत एवं पूजा विधि
पिठौरी अमावस्या के दिन व्रती को सुबह में दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होकर स्नान करना चाहिए। फिर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। इसके पश्चात पूजा घर में चौकी पर वस्त्र बिछाकर माता पार्वती की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें।
फिर आटे से 64 देवियों की छोटी-छोटी प्रतिमा अथवा पिंड बनांए और इन्हें नए वस्त्र पहनाएं। इनका विधि विधान से पूजन करें, धूप, दीप आदि जलाएं। पूजा के दौरान माता पार्वती को सुहाग की समाग्री में साड़ी, सिंदूर, चूड़ी, बिंदी आदि जरूर अर्पित करें।