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Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में जरूर करें ये आरती, पूर्वज होंगे प्रसन्न और प्राप्त होगी उनकी कृपा

प्रत्येक वर्ष आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है। वहीं इसका समापन अमावस्या पर होता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दौरान पितरों की पूजा-अर्चना करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं। साथ ही जातक को पितृ दोष से छुटकारा मिलता है। पितरों की उपासना आरती (Pitru Dev Aarti) के बिना अधूरी मानी जाती है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 18 Sep 2024 07:00 AM (IST)
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Pitru Paksha 2024: जरूर करें पितरों की आरती

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर (Pitru Paksha 2024) से होगी । वहीं, इसका समापन 02 अक्टूबर को होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान आदि कार्य करने से पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है। साथ ही जातक को सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। अगर आप पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो पितृ पक्ष की पूजा के दौरान पितृ देव की आरती जरूर करें। ऐसा करने से साधक को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए पढ़ते हैं पितृ देव की आरती।

पितृ देव की आरती (Pitru Dev Aarti)

जय जय पितर जी महाराज,

मैं शरण पड़ा तुम्हारी,

शरण पड़ा हूं तुम्हारी देवा,

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रख लेना लाज हमारी,

जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।

आप ही रक्षक आप ही दाता,

आप ही खेवनहारे,

मैं मूरख हूं कछु नहिं जानू,

आप ही हो रखवारे,

जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।

आप खड़े हैं हरदम हर घड़ी,

करने मेरी रखवारी,

हम सब जन हैं शरण आपकी,

है ये अरज गुजारी,

जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।

देश और परदेश सब जगह,

आप ही करो सहाई,

काम पड़े पर नाम आपके,

लगे बहुत सुखदाई,

जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।

भक्त सभी हैं शरण आपकी,

अपने सहित परिवार,

रक्षा करो आप ही सबकी,

रहूं मैं बारम्बार,

जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।

जय जय पितर जी महाराज,

मैं शरण पड़ा हू तुम्हारी,

शरण पड़ा हूं तुम्हारी देवा,

रखियो लाज हमारी,

जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।

करें यह उपाय

पितृ पक्ष के दौरान पिंडदान और तर्पण के दौरान काले तिल का प्रयोग किया जाता है, क्योंकि इनका संबंध शनि देव से भी माना गया है। यदि आप पितृ पक्ष में गरीब लोगों में काले तिल का दान करते हैं, तो इससे अनजाने में की गई गलतियों से मुक्ति मिलती है। वहीं, सूर्य देव को जल में काले तिल मिलाकर अर्घ्य देने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।