Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत में पूजा के दौरान जरूर करें ये काम, जीवन सदैव रहेगा सुखमय
हिंदू पंचांग के मुताबिक हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। इस बार चैत्र माह का दूसरा प्रदोष व्रत 21 अप्रैल को है। रविवार के दिन पड़ने के चलते यह रवि प्रदोष व्रत कहलाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से प्रभु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shiv Aarti: सनातन धर्म में सभी पर्व और व्रत का संबंध किसी न देवी-देवता से है। ऐसे में त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है। पंचांग के अनुसार, हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। इस बार चैत्र माह का दूसरा प्रदोष व्रत 21 अप्रैल को है। रविवार के दिन पड़ने के चलते यह रवि प्रदोष व्रत कहलाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से प्रभु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। पूजा के दौरान शिव की आरती अवश्य करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि आरती न करने से पूजा अधूरी रहती है। प्रदोष व्रत में शिव की आरती करने से साधक का जीवन सदैव सुखमय रहता है। चलिए पढ़ते हैं शिव आरती।
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शिव जी की आरती (Lord Shiva Aarti)
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव...॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव...॥दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव...॥अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव...॥श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव...॥कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव...॥ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव...॥काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव...॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव...॥शिव आरोग्य मंत्रमाम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा। आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।यह भी पढ़ें: Ravi Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत पर बन रहे हैं एक साथ कई अद्भुत संयोग, यहां जान लें व्रत रखने के लाभ
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