Pradosh Vrat 2024: घर में चाहते हैं खुशियों का आगमन, तो प्रदोष व्रत पर करें इन मंत्रों का जाप
फाल्गुन माह में प्रदोष व्रत 22 मार्च को है। इस खास अवसर पर देवों के देव महादेव की विशेष पूजा और व्रत करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को साधक को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है और सदैव भगवान शिव की कृपा बनी रहती है। प्रदोष व्रत की पूजा के दौरान भगवान शिव के कुछ विशेष मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली, Lord Shiva Mantra: प्रदोष व्रत हर माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को होता है। इस बार फाल्गुन माह में प्रदोष व्रत 22 मार्च को है। इस खास अवसर पर देवों के देव महादेव की विशेष पूजा और व्रत करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को साधक को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है और सदैव भगवान शिव की कृपा बनी रहती है। धार्मिक मत है कि प्रदोष व्रत की पूजा के दौरान भगवान शिव के कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से घर में खुशियों का आगमन होता है और पूजा सफल होती है। आइए हम आपको बताएंगे प्रदोष व्रत पूजा मंत्रों के बारे में, जिनका जाप करना बेहद शुभ होता है।
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इन मंत्रों का करें जाप
महामृत्युंजय मंत्रॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥शिव स्तुति मंत्रद: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।
शिव प्रार्थना मंत्रकरचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥शिव गायत्री मंत्रऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।शिव आरोग्य मंत्रमाम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा।आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।
ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्तपंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 22 मार्च, दिन शुक्रवार सुबह 08 बजकर 21 मिनट से होगी और इसका समापन सुबह 06 बजकर 11 मिनट पर होगा। ऐसे में प्रदोष व्रत 22 मार्च को है।यह भी पढ़ें: Pradosh Vrat 2024: शिव जी को बेहद प्रिय है प्रदोष व्रत, जानिए इसका धार्मिक महत्व
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