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Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत के दिन इन मंत्रों का करें जाप, चमक जाएगी आपकी फूटी किस्मत

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को होता है। इस बार माघ माह में प्रदोष व्रत 21 फरवरी को रखा जाएगा। इस खास अवसर पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा संध्याकाल में की जाती है। मान्यता है कि भगवान शिव के इन मंत्रों का जाप करने से साधक को सुख-शांति प्राप्त होती है और साथ ही किस्मत चमकती है।

By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Mon, 19 Feb 2024 01:00 PM (IST)
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Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत के दिन इन मंत्रों का करें जाप, चमक जाएगी आपकी फूटी किस्मत

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pradosh Vrat 2024 Mantra: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को होता है। इस बार माघ माह में प्रदोष व्रत 21 फरवरी को रखा जाएगा। इस खास अवसर पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा संध्याकाल में की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन देवों के देव महादेव की विधिपूर्वक पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है। साथ ही आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। यदि आप भी अपनी किस्मत को चमकाना चाहते हैं, तो प्रदोष व्रत की पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप करें। मान्यता है कि भगवान शिव के इन मंत्रों का जाप करने से साधक को सुख-शांति प्राप्त होती है और साथ ही किस्मत चमकती है।

प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, फरवरी महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 21 फरवरी, 2024 दिन बुधवार को रखा जाएगा। माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 21 फरवरी प्रात: 11 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी। साथ ही इसका समापन 22 फरवरी, 2024 दोपहर 01 बजकर 21 मिनट पर होगा।

प्रदोष व्रत के मंत्र

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

शिव स्तुति मंत्र

द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।

उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।

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श‍िव नामावली मंत्र

।। श्री शिवाय नम:।।

।। श्री शंकराय नम:।।

।। श्री महेश्वराय नम:।।

।। श्री सांबसदाशिवाय नम:।।

।। श्री रुद्राय नम:।।

।। ओम पार्वतीपतये नम:।।

।। ओम नमो नीलकण्ठाय नम:।।

शिव प्रार्थना मंत्र

करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।

विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥

शिव गायत्री मंत्र

ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।

शिव आरोग्य मंत्र

माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा।

आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।

ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'