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Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत के दिन ऐसे करें शाम की पूजा, दुख-दर्दों से छुटेगा पीछा

हर माह में दो बार प्रदोष व्रत किया जाता है। यह तिथि मुख्य रूप से भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित मानी जाती है। ऐसे में आप वैशाख में आने वाले प्रदोष व्रत के दिन इस प्रकार शिव जी की पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में करने का विधान है।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Tue, 30 Apr 2024 09:30 PM (IST)
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Pradosh Vrat 2024 प्रदोष व्रत के दिन ऐसे करें शाम की पूजा।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Krishna Paksha Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत को भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए एक उत्तम दिन माना गया है। ऐसे में जल्द ही वैशाख माह का पहला प्रदोष व्रत किया जाएगा। आप इस विशेष दिन पर प्रदोष काल में शिव जी की पूजा-अर्चना कर उनकी कृपा के पात्र बन सकते हैं। तो चलिए जानते हैं कि प्रदोष काल में शिव जी की पूजा किस प्रकार करनी चाहिए।

प्रदोष व्रत पूजा का समय (Pradosh Vrat Shubh muhurat)

वैशाख माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 05 मई को शाम 05 बजकर 41 मिनट पर शुरू हो रही है। जिसका समापन 06 मई को दोपहर 02 बजकर 40 मिनट पर होगा। ऐसे में वैशाख माह का पहला प्रदोष व्रत 05 मई, रविवार के दिन किया जाएगा। इस दौरान पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 59 से 09 बजकर 06 मिनट तक रहने वाला है।

प्रदोष व्रत पूजा विधि (Pradosh vrat puja vidhi)

प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इसके बाद भगवान शिव को पंचामृत से स्नान करवाएं। साथ ही शिव परिवार का भी पूजन करें। इसके बाद शिव जी को बेल पत्र, फूल, धूप, दीप और नैवेद्य आदि अर्पित करें। अंत में आरती करें व शिव जी के मंत्रों और शिव चालीसा का भी पाठ करें। प्रदोष काल में पुनः स्नान करके, शुभ मुहूर्त में शिव जी की विधि-विधावपूर्वक पूजा-अर्चना करें। इसके बाद अपना उपवास खोलें।

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ध्यान रखें ये नियम 

प्रदोष व्रत के दिन गलती से भी मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, आदि का भी सेवन न करें। इस दिन ब्रह्मचार्य का पालन करने का प्रयास करना चाहिए साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि प्रदोष व्रत में नमक का सेवन नहीं किया जाता।

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