Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत पर करें इन मंत्रो का जप, जीवन सदैव रहेगा खुशहाल, शिव जी होंगे प्रसन्न
प्रदोष व्रत की पूजा के दौरान शिव जी को समर्पित मंत्रों का जप जरूर करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार ऐसा करने से जातक का जीवन सदैव खुशहाल रहता है। साथ ही महादेव की कृपा प्राप्त होती है। आइए इस लेख में हम आपको बताएंगे प्रदोष व्रत पूजा मंत्र के बारे में जिनका जप करना जीवन के लिए फलदायी होगा।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pradosh Vrat 2024 Mantra: हिंदू धर्म में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। यह तिथि देवों के देव महादेव को समर्पित है। इस दिन प्रदोष काल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने का विधान है। साथ ही जीवन के सभी संकट को दूर करने के लिए व्रत किया जाता है। धार्मिक मत है कि त्रयोदशी तिथि पर भगवान महादेव और मां पार्वती की पूजा करने से जातक की सभी मुरादें पूरी होती हैं। साथ ही प्रभु को प्रिय चीजों का भोग लगाना चाहिए।
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प्रदोष व्रत 2024 डेट और शुभ मुहूर्तपचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 03 जुलाई को सुबह 07 बजकर 10 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 04 जुलाई को सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर होगा। ऐसे में प्रदोष व्रत 03 जुलाई को किया जाएगा।
प्रदोष व्रत के मंत्र (Pradosh Vrat Mantra)महामृत्युंजय मंत्रॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥शिव स्तुति मंत्रद: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।
उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।शिव नामावली मंत्र।। श्री शिवाय नम:।।।। श्री शंकराय नम:।।।। श्री महेश्वराय नम:।।।। श्री सांबसदाशिवाय नम:।।।। श्री रुद्राय नम:।।।। ओम पार्वतीपतये नम:।।।। ओम नमो नीलकण्ठाय नम:।।शिव प्रार्थना मंत्रकरचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥शिव गायत्री मंत्रऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।शिव आरोग्य मंत्रमाम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा।आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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