Bhaum Pradosh Vrat 2024: शिवरात्रि और प्रदोष व्रत एक साथ, ऐसे करें शिव-शक्ति को प्रसन्न
हर माह की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर प्रदोष व्रत किया जाता है। जून माह में पहला प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि 04 जून मंगलवार के दिन मनाई जाएगी। मंगलवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहते हैं। वहीं ज्येष्ठ माह में आने वाले सभी मंगलवार को बड़ा मंगलवार भी कहते हैं। इसलिए इस बार का प्रदोष व्रत बहुत ही खास होने वाला है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रदोष व्रत पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। वहीं मासिक शिवरात्रि भी भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित मानी गई है। ऐसे में ज्येष्ठ माह में पड़ रहे भौम प्रदोष व्रत के दिन ही मासिक शिवरात्रि भी मनाई जाएगी। ऐसे में आप विशेष लाभ के लिए इस शुभ संयोग पर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती कर उनकी असीम कृपा के पात्र बन सकते हैं।
भगवान शिव की आरती
जय शिव ओंकारा ऊँ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ऊँ जय शिव...॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ऊँ जय शिव...॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ऊँ जय शिव...॥अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ऊँ जय शिव...॥श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ऊँ जय शिव...॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ऊँ जय शिव...॥ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ऊँ जय शिव...॥काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ऊँ जय शिव...॥त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ऊँ जय शिव...॥
जय शिव ओंकारा हर ऊँ शिव ओंकारा|ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ऊँ जय शिव ओंकारा...॥