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Pradosh Vrat 2024: इस दिन किया जाएगा जून का दूसरा प्रदोष व्रत, इन नियमों का ध्यान रखकर करें पूजा

प्रदोष व्रत पर समस्त शिव परिवार की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इससे साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में यदि आप ज्येष्ठ माह के दूसरे प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) पर कुछ खास नियमों का ध्यान रखते हैं तो इससे आपको लाभ मिल सकता है। तो चलिए जानते हैं प्रदोष व्रत से जुड़े कुछ जरूरी नियम।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sat, 08 Jun 2024 12:04 PM (IST)
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Budh Pradosh vrat प्रदोष व्रत पर इन नियमों का ध्यान रखकर करें पूजा।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर माह की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है, जिसे शिव जी की पूजा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन कई शिव भक्त व्रत आदि भी करते हैं। तो चलिए जानते हैं कि प्रदोष व्रत करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि आपका व्रत बिना किसी बाधा के पूरा हो सके।

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 19 जून 2024, सुबह 07 बजकर 28 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 20 जून को सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर होगा। ऐसे में प्रदोष व्रत 19 जून, बुधवार के दिन किया जाएगा। क्योंकि यह व्रत बुधवार के दिन पड़ रहा है, इसलिए इसे बुध प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा। बुध प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 22 मिनट से 09 बजकर 22 मिनट तक रहने वाला है।

जरूर करें ये काम

प्रदोष व्रत के दिन सफेद वस्त्र धारण करें। साथ ही भगवान शिव की पूजा करते समय मन-ही-मन भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप जरूर करें। ऐसा करने से साधक को शिव जी की असीम कृपा की प्राप्ति होती है। ध्यान रहें कि इस दौरान कोई नकारात्मक विचार आपके मन में न आए, अन्यथा आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता।

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इन नियमों का रखें ध्यान

बुध प्रदोष व्रत के दिन साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। विशेष रूप से पूजा-स्थल की साफ-सफाई जरूर करें। प्रदोष व्रत के दिन तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन आदि का सेवन न करें। साथ ही मांस व मदिरा आदि से भी दूरी बनाए रखें। इस दिन नाखून, बाल या दाढ़ी बनवाना भी शुभ नहीं माना जाता।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।