Pradosh Vrat 2024: साल 2024 का दूसरा प्रदोष व्रत आज, पूर्ण फल प्राप्ति के लिए ध्यान रखें ये बातें
Pradosh Vrat Niyam हिंदू धर्म में शिव जी की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व बताया गया है। माना जाता है कि महादेव की आराधना करने पर व्यक्ति के सारे कष्ट दूर होते हैं और उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। शिव जी को समर्पित प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के भाग्य खुल सकते हैं। ऐसे में यदि आप प्रदोष व्रत कर रहें तो कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bhaum Pradosh Vrat 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रदोष काल में पड़ने वाली त्रयोदशी पर प्रदोष व्रत किया जाता है। माना जता है कि जब त्रयोदशी तिथि और प्रदोष साथ-साथ होते हैं, तो वह समय शिव पूजा के लिए लिए उत्तम होता है। ऐसे में साधकों द्वारा इस तिथि पर शिव जी आराधना की जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत पर किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh muhurat)
पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का 22 जनवरी के दिन रात 07 बजकर 51 मिनट पर प्रारंभ हो रही है। वहीं, इसका समापन 23 जनवरी को रात 08 बजकर 39 मिनट पर होगा। ऐसे में प्रदोष व्रत 23 जनवरी, मंगलवार के दिन किया जाएगा। इस दौरान पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 52 से 08 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। मंगलवार के दिन पड़ने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा।
रखें इस बातों का ध्यान (Pradosh Vrat Niyam)
प्रदोष व्रत के दिन सूर्योदय से पहले उठ जाना चाहिए। इसके बाद स्नान-ध्यान कर भगवान शिव का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें। प्रदोष व्रत के पूरे दिन उपवास रखना चाहिए। यदि संभव हो तो इस दिन निर्जला व्रत भी रख सकते हैं। प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए सूर्यास्त से पहले दोबारा स्नान कर लें और सफेद रंग का वस्त्र पहनें। शाम के समय में पुनः महादेव की पूजा-अर्चना करने के बाद फलाहार से अपना व्रत खोल सकते हैं। अगले दिन यानी चतुर्दशी तिथि पर भगवान शिव पूजा कर अपने व्रत का पारण करें।WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करें
न करें इन चीजों का सेवन
इस बात का ध्यान रखें कि प्रदोष व्रत में नमक का सेवन नहीं किया जाता है। इसके साथ ही प्रदोष व्रत के दिन साधक को तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन, मांस, मसूर, उड़द, तंबाकू और मदिरा के सेवन से भी दूर रहना चाहिए। वरना आपको प्रदोष व्रत का फल प्राप्त नहीं होगा।डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'