Pradosh Vrat 2024: अगस्त में तीसरी बार रखा जाएगा प्रदोष व्रत, ऐसे बन सकते हैं शिव जी की कृपा के पात्र
कई भक्त महादेव की कृपा प्राप्ति के लिए प्रदोष व्रत करते हैं। इस दिन शाम के समय पूजा करने का विधान है जिससे साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही आप प्रदोष व्रत की पूजा के दौरान शिव तांडव स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं। इससे आपको महादेव की कृपा से जीवन में अच्छे परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत करने का विधान है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, जिस दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल में व्याप्त होती है, उस दिन प्रदोष व्रत किया जाता है। इस तिथि पर महादेव के निमित्त व्रतऔर पूजा आदि करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। ऐसे में आप पूजा के दौरान शिव तांडव स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं।
शनि प्रदोष व्रत (Shani Pradosh Vrat 2024)
भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 31 अगस्त 2024 को रात्रि 02 बजकर 25 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इसका समापन 01 सितंबर को प्रातः 03 बजकर 40 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में भाद्रपद माह का पहला प्रदोष व्रत शनिवार, 31 अगस्त को किया जाएगा। शनिवार को पड़ने वाला प्रदोष व्रत शनि प्रदोष व्रत कहलाता है। इस दौरान शिव जी की पूजा का मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा -
प्रदोष व्रत पूजा का मुहूर्त - शाम 06 बजकर 43 मिनट से 08 बजकर 59 मिनट तक
।।शिव तांडव स्तोत्र।।
जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थलेगलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् ।
डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयंचकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥॥जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरीविलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि ।धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके
किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ॥॥धराधरेन्द्रनंदिनीविलासबन्धुबन्धुरस्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे ।कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदिक्वचिद्दिगम्बरे(क्वचिच्चिदम्बरे) मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥॥जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभाकदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे ।मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरेमनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ॥॥
सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखरप्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः ।भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटकश्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः ॥॥ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जयस्फुलिङ्गभानिपीतपञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम् ।सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरंमहाकपालिसम्पदेशिरोजटालमस्तु नः ॥॥करालभालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वलद्धनञ्जयाहुतीकृतप्रचण्डपञ्चसायके ।
धराधरेन्द्रनन्दिनीकुचाग्रचित्रपत्रकप्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम ॥॥नवीनमेघमण्डली निरुद्धदुर्धरस्फुरत्कुहूनिशीथिनीतमः प्रबन्धबद्धकन्धरः ।निलिम्पनिर्झरीधरस्तनोतु कृत्तिसिन्धुरःकलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरंधरः ॥॥प्रफुल्लनीलपङ्कजप्रपञ्चकालिमप्रभावलम्बिकण्ठकन्दलीरुचिप्रबद्धकन्धरम् ।स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं
गजच्छिदांधकच्छिदं तमन्तकच्छिदं भजे ॥॥यह भी पढ़ें - Shani Pradosh Vrat 2024: शनि प्रदोष व्रत पर पूजा के समय करें मंगलकारी मंत्रों का जप, दूर होंगे सभी कष्टअगर्व सर्वमङ्गलाकलाकदम्बमञ्जरीरसप्रवाहमाधुरी विजृम्भणामधुव्रतम् ।
स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकंगजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे ॥॥जयत्वदभ्रविभ्रमभ्रमद्भुजङ्गमश्वसद्विनिर्गमत्क्रमस्फुरत्करालभालहव्यवाट् ।धिमिद्धिमिद्धिमिध्वनन्मृदङ्गतुङ्गमङ्गलध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्डताण्डवः शिवः ॥॥दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्गमौक्तिकस्रजोर्
गरिष्ठरत्नलोष्ठयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः ।तृणारविन्दचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोःसमं प्रव्रितिक: कदा सदाशिवं भजाम्यहम ॥॥कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुञ्जकोटरे वसन्विमुक्तदुर्मतिः सदा शिरः स्थमञ्जलिं वहन् ।विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकःशिवेति मंत्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम् ॥॥निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका-निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः ।
तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनींमहनिशंपरिश्रय परं पदं तदङ्गजत्विषां चयः ॥॥प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणीमहाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना ।विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिःशिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम् ॥॥इमं हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवंपठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम् ।हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथा गतिं
विमोहनं हि देहिनां सुशङ्करस्य चिंतनम् ॥॥पूजावसानसमये दशवक्त्रगीतंयः शम्भुपूजनपरं पठति प्रदोषे ।तस्य स्थिरां रथगजेन्द्रतुरङ्गयुक्तांलक्ष्मीं सदैव सुमुखिं प्रददाति शम्भुः ॥॥''इति श्रीरावण कृतम्''॥शिव ताण्डव स्तोत्र संपूर्णम॥यह भी पढ़ें - Pradosh Vrat 2024: अगस्त के आखिर में रखा जाएगा प्रदोष व्रत, महादेव की कृपा के लिए गांठ बांध लें ये बातें
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।