Pradosh Vrat 2024: सभी कार्यों में चाहते हैं सफलता, तो प्रदोष व्रत के दिन करें इस स्तोत्र का पाठ
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) का विशेष महत्व बताया गया है। यह व्रत हर माह में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन महादेव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने से साधक को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है और सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में प्रदोष व्रत 15 अक्टूबर (Pradosh Vrat 2024 Date) को किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और मां पार्वती की उपासना करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। अगर आप सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं, तो प्रदोष व्रत के दिन शिव पंचाक्षर स्तोत्र और श्री शिवरामाष्टक स्तोत्र का पाठ करें। इसका पाठ करने से जातक की मुरादें पूरी होती हैं।
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 15 अक्टूबर को देर रात 03 बजकर 42 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 16 अक्टूबर को देर रात 12 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। ऐसे में 15 अक्टूबर को प्रदोष व्रत किया जाएगा।
॥ शिव पञ्चाक्षर स्तोत्रम् ॥
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनायभस्माङ्गरागाय महेश्वराय।नित्याय शुद्धाय दिगम्बरायतस्मै न काराय नमः शिवाय॥
मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चितायनन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय।मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजितायतस्मै म काराय नमः शिवाय॥शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्दसूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजायतस्मै शि काराय नमः शिवाय्॥वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनायतस्मै व काराय नमः शिवाय॥यक्षस्वरूपाय जटाधरायपिनाकहस्ताय सनातनाय।दिव्याय देवाय दिगम्बरायतस्मै य काराय नमः शिवाय॥पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ।शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥॥ इति श्रीमच्छङ्कराचार्यविरचितं शिवपञ्चाक्षरस्तोत्रं सम्पूर्णम्। ॥
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