Pradosh Vrat 2024: जीवन के दुख एवं संकट से न हों परेशान, इस स्तोत्र के पाठ सभी समस्या होंगी दूर
धार्मिक दृष्टि से प्रदोष व्रत को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह में 15 सितंबर (Pradosh Vrat 2024 Date) को प्रदोष व्रत है। रविवार के दिन पड़ने की वजह से यह रवि प्रदोष व्रत कहलाएगा। इस दिन महादेव की पूजा के दौरान विधिपूर्वक शिव रक्षास्तोत्र का पाठ करें। मान्यता है कि ऐसा करने से महादेव आपकी सदैव रक्षा करेंगे। आइए पढ़ते हैं शिव रक्षास्तोत्र।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को विधिपूर्वक प्रदोष व्रत करने का विधान है। त्रयोदशी तिथि पर महादेव और मां पार्वती की उपासना संध्याकाल में होती है। साथ ही प्रभु की कृपा प्राप्त करने के लिए शिव रक्षा स्तोत्र (Shiv Raksha Stotram Lyrics) का पाठ किया जाता है। मान्यता है कि इसका पाठ करने से साधक को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और सभी तरह के दुख-संकट दूर होते हैं।
॥ श्री शिव रक्षा स्तोत्रम् ॥
॥ विनियोग ॥श्री गणेशाय नमः॥अस्य श्रीशिवरक्षास्तोत्रमन्त्रस्य याज्ञवल्क्य ऋषिः॥
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श्री सदाशिवो देवता॥ अनुष्टुप् छन्दः॥श्रीसदाशिवप्रीत्यर्थं शिवरक्षास्तोत्रजपे विनियोगः॥॥ स्तोत्र पाठ ॥चरितं देवदेवस्य महादेवस्य पावनम्।अपारं परमोदारं चतुर्वर्गस्य साधनम्॥गौरीविनायकोपेतं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रकम्।शिवं ध्यात्वा दशभुजं शिवरक्षां पठेन्नरः॥गंगाधरः शिरः पातु भालं अर्धेन्दुशेखरः।नयने मदनध्वंसी कर्णो सर्पविभूषण॥3॥
घ्राणं पातु पुरारातिः मुखं पातु जगत्पतिः।जिह्वां वागीश्वरः पातु कंधरां शितिकंधरः॥श्रीकण्ठः पातु मे कण्ठं स्कन्धौ विश्वधुरन्धरः।भुजौ भूभारसंहर्ता करौ पातु पिनाकधृक्॥हृदयं शंकरः पातु जठरं गिरिजापतिः।नाभिं मृत्युञ्जयः पातु कटी व्याघ्राजिनाम्बरः॥सक्थिनी पातु दीनार्तशरणागतवत्सलः।उरू महेश्वरः पातु जानुनी जगदीश्वरः॥जङ्घे पातु जगत्कर्ता गुल्फौ पातु गणाधिपः।
चरणौ करुणासिंधुः सर्वाङ्गानि सदाशिवः॥एतां शिवबलोपेतां रक्षां यः सुकृती पठेत्।स भुक्त्वा सकलान्कामान् शिवसायुज्यमाप्नुयात्॥ग्रहभूतपिशाचाद्यास्त्रैलोक्ये विचरन्ति ये।दूरादाशु पलायन्ते शिवनामाभिरक्षणात्॥अभयङ्करनामेदं कवचं पार्वतीपतेः।भक्त्या बिभर्ति यः कण्ठे तस्य वश्यं जगत्त्रयम्॥
इमां नारायणः स्वप्ने शिवरक्षां यथाऽऽदिशत्।प्रातरुत्थाय योगीन्द्रो याज्ञवल्क्यः तथाऽलिखत॥1॥ इति श्रीयाज्ञवल्क्यप्रोक्तं शिवरक्षास्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
शिव आवाहन मंत्र
ॐ मृत्युंजय परेशान जगदाभयनाशन ।तव ध्यानेन देवेश मृत्युप्राप्नोति जीवती ।।वन्दे ईशान देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने ।नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने । आदिमध्यांत रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।त्र्यंबकाय नमस्तुभ्यं पंचस्याय नमोनमः ।नमोब्रह्मेन्द्र रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे ।।नमो दोर्दण्डचापाय मम मृत्युम् विनाशय ।।देवं मृत्युविनाशनं भयहरं साम्राज्य मुक्ति प्रदम् ।नमोर्धेन्दु स्वरूपाय नमो दिग्वसनाय च ।नमो भक्तार्ति हन्त्रे च मम मृत्युं विनाशय ।।अज्ञानान्धकनाशनं शुभकरं विध्यासु सौख्य प्रदम् । नाना भूतगणान्वितं दिवि पदैः देवैः सदा सेवितम् ।।सर्व सर्वपति महेश्वर हरं मृत्युंजय भावये ।।यह भी पढ़ें: Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत पर महादेव की इस तरह करें पूजा, सभी कार्यों में मिलेगी सफलताअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।